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Bihar महानंदा बेसिन से होगा अररिया सहित सीमांचल और कोशी क्षेत्र का विकास: डाॅ जाह़िद अनवर




अररिया (राज टाइम्स)। 

महानंदा बेसिन योजना के अंतर्गत कइ नदियों को जोड़ कर बांध बनाया जाना है, जिससे सीमांचल और कोशी में हर वर्ष आने वाली विनाशकारी बाढ़ के निजात मिल जाएगी! बांध बनने से इस इलाके के लोगों को खेती करने के लिए पानी की समस्या से भी निजात मिल जाएगी!
महानंदा बेसिन योजना से सीमांचल और कोशी सहित पूरे बिहार का विकास होगा! एक तरफ लोगों को बाढ़ के तांडव से राहत मिलेगी वहीं दूसरी तरफ़ किसानों के जमीन को सिचाईं के लिए उचित पानी भी मिल जायेगा! जब मैंने 'महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट' की जानकारी मुहैया करना शुरू किया तो कई महत्वपूर्ण तथ्य जानने को मिले और यह मालूम हुआ कि वाकई यह परियोजना सीमांचल के लिए वरदान साबित होगा! इसलिए राज्य सरकार को फ़ौरन आवश्यक कदम उठाते हुए महानंदा बेसिन परियोजना का  निर्माण अविलंब करना चाहिए जिससे  सीमांचल को हर वर्ष बाढ़ की समस्या से छुटकारा मिल जाए! इस छेत्र में रहने वाले 2 करोड़ से भी अधिक आबादी को समझ लेना चाहिए की अगर इस परियोजना पर काम अभी शुरू नहीं होती है तो हर वर्ष बाढ़ से अपनी तबाही के लिए तैयार रहना होगा!  
बिहार के बड़े हिस्से में रहने वाले सीमांचल और कोशी के लोगों को 1987 से कई विनाशकारी भयंकर बाढ़ का सामना करना परा है जिससे जान-व-माल का काफी नुकसान होता आ रहा है! 2017 में भी अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा एवं सुपौल आदि जिलों की लाखों की आबादी को बाढ़ के चपेट में आने से करोड़ो का नुकसान उठाना पड़ा था! हजारों लोगों की जान चली गयी और कई हज़ारों एक्टर में फैली फसल तबाह हो गई! 2017 के बाढ़ की भारी तबाही के बाद से फिर 'महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट' की चर्चा जोर - शोर से होने लगी है! 2017 के भयंकर बाढ़ के बाद से इस परियोजना की आवश्यकता अधिक हो गई है और हम सभी ने महानंदा बेसिन के लिए आंदोलन तेज़ कर दिया है! अभी भी बरसात के समय बिहार में खास कर इस इलाके में हर वर्ष बाढ़ की स्तिथि बनी रहती है! हमलोग महानंदा बेसिन के लिए लगातार आंदोलन करते आ रहे हैं लेकिन सरकार है कि सुनने का नाम नहीं ले रही है! सरकार बाढ़ के समय जागती है और नए-नए वादे और परियोजनाओं की घोषणा करती है और फिर सब भूल जाती है! 
हमारा मानना है कि 'महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट' को पूरा कर लिया जाता है तो इस इलाके के लोगों को हर वर्ष इतनी भयंकर तबाही का सामना नहीं करना परेगा! 


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