शशांक राज/ सुपौल।
"वह पथ क्या पथिक कुशलता क्या, जब राह में बिखरे शूल न हो, वो नाविक की धैर्य कुशलता क्या, जब धाराएँ प्रतिकूल न हो” जयशंकर प्रसाद की इन पंक्तिओं ने कई लोगों के संघर्ष में प्रेरणा दी है। जिन्होंने भी अपनी क्षमता पर पूर्ण यकीं कर अंतिम क्षण तक संघर्ष किया, सफलता ने उनके कदम को चूमने में कोई आनाकानी नहीं की है। ऐसे ही एक कर्मवीर हैं अभिषेक आनंद।
सुपौल गुदड़ी बाजार में पले -बढ़े स्वर्गीय जयशंकर लाल दास के पौत्र और स्वर्गीय रविन्द्र लाल दास एवं स्वर्गीया लीला देवी जी के होनहार पुत्र अभिषेक आनंद ने बेहद ही प्रतिकूल परिस्थति में बिहार पुलिस सब अर्डिनेट सर्विस कमीशन 2019 की प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता प्राप्त की है और उनका चयन सहायक अधीक्षक, जेल के पद पर हुआ। कम उम्र में ही माता -पिता का साया सर से हट जाने और एक बड़ी बहन की जिम्मेदारी कंधे पर आ गयी। प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाते हुए बहन की पढाई और शादी का कर्तव्य निभाया। घोर विषम परिस्थिति में भी अपनी हिम्मत का दामन न छोड़ा और कर्तव्य पथ पर चलते रहे। कई परीक्षाओं में कुछ नंबर से अन्तिम चयन न होने की कसक को अपनी जीत की जिद में बदलते हुए अभिषेक ने सहायक अधीक्षक जेल के पद पर सफलता हासिल कर सोहन लाल द्विवेदी की इन पंक्तिओं को चरितार्थ कर दिया है - ष्असफलता एक चुनौती है , इसे स्वीकार करो, क्या कमी रह गयी देखो और सुधार करो, जब तक न सफल हो, नींद चौन को त्यागो तुम, संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुम, कुछ किये बिना ही जय-जयकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।ष्
अभिषेक आनन्द ने बताया कि उनकी प्रेरणा का श्रोत उनके आस पास के नकारात्मक लोग थे, जो बराबर उन्हें जताते रहते थे कि बिना माता-पिता के और घोर आर्थिक तंगी में कोई भी बच्चा कम्पटीशन नहीं निकाल सकता। उन खास लोगों के इस गहरे विश्वास को तोडना काफी जरूरी था। आज इनकी सफलता ने सिर्फ उन लोगों की नकारात्मकता को ही नहीं बदला साथ ही साथ कई गरीब और संघर्षरत छात्र -छात्राओं के लिए उम्मीद की एक किरण भी जगायी है।
अभिषेक आनंद की सफलता उन सभी छात्र -छात्राओं को यह सन्देश देती है कि अपनी आर्थिक तंगी और समाज के तानों को कभी भी अपनी सफलता के राह का रोड़ा नहीं समझे। आप अपने सीनियर सफल लोगों से लगातार संपर्क में रह कर एक मार्गदर्शन लेते रहें और आपके आस पास कई ऐसे अच्छे लोग हमेशा मिलेंगे जो आपकी मदद करने को हमेशा तैयार हैं। बस आप विनम्रता से अपनी जीतने की जिद को लोगों से साझा करें। सहयोग, उम्मीद और सफलता तीनों आपके पास हैं , बस उसे सच्चे दिल से पुकारने की जरुरत है।
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