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नेपाल में कृष्ण यादव उर्फ़ कृष के गिरफ्तारी से क्षेत्र में हलचल

रिपोर्ट- राजेश कुमार शर्मा एवं शशांक राज 

सुपौल जिला एसपी मनोज कुमार ने बताया कि जिले के भपटियाही थाना में वर्ष 2010 में हत्या का एक मामला दर्ज है। इसके अतिरिक्त अन्य थानों से भी लंबित कांडों का रिकार्ड खंगाला जा रहा है

इन्टरनेशनल डेस्क (राज टाइम्स) भारत व नेपाल के विभिन्न जिलों में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने वाले कृष उर्फ कृष्ण यादव को मंगलवार देशी कट्टा कारतूस व नशीली दवाओं के साथ नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी।
बताते चलें कि नेपाल प्रदेश संख्या एक अंतर्गत सुनसरी जिले के भोक्राह से डीएसपी बिनोद शर्मा के नेतृत्व में गठित विशेष टीम के द्वारा मंगलवार को गिरफ्तार करने में सफलता पाई थी। कृष्ण यादव से पूछताछ में कई चौकाने वाले मामले सामने आये हैं। डीएसपी बिनोद शर्मा ने बताया कि कृष उर्फ कृष्ण यादव (36 वर्ष) सप्तरी जिले के कंकालिनी नगरपालिका में कृष नाम से पहचाना जाता है। कृष्ण कुमार यादव को भारतीय नम्बर प्लेट के स्कोर्पियो बीआर50पी/1241 में हथियार व नशीली दवाओं के साथ गिरफ्तार किया था।
डीएसपी बिनोद शर्मा के अनुसार सुपौल जिले में पिछले वर्ष मार्च महीने में 12 लोगो मे हत्या के मामले में भी यादव के संलिप्त होने की बात सामने आई है, जिसमे सुपौल पुलिस को इसकी तलाश थी। साथ ही अन्य कई जिलों में अपराधिक मामले चलने की बात सामने आई है। वही डीएसपी यादव ने बताया कि बिहार पुलिस के द्वारा इस कुख्यात के बारे में जानकारी दी गयी थी, जिसमे बिहार के एक जिले के कुछ अपराधी जो जेल ब्रेक कर भगा था जिसे नेपाल में संरक्षण दे रहा था।
वही बिहार के कोसी क्षेत्र के साथ साथ कृष्ण यादव सप्तरी व सुनसरी जिले के पुलिस वान्टेड सूचि का भी अपराधी है। वहीं सुपौल जिले के थाने में भी वान्डेट सूची का अपराधी होने की बात बताई जा रही है।
काफी लम्बा है आपराधिक इतिहास
कृष्ण यादव का काफी लम्बा आपराधिक पृष्ठभूमि रहा है। नेपाल के मधेस आन्दोलन से पहले यादव प्रतिबंधित संगठन मधेस मुक्ति टाइर्गस का सुनसरी इंचार्ज था। उस वक़्त भारत नेपाल के लोगो को अपहरण कर फिरौती मांगा करता था। फिरौती नही देने पर यादव समूह के द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी जाती थी, जिसका मामला सुनसरी में दर्ज भी है। सुनसरी एसपी कमल थापा के अनुसार मंगलवार को गिरफ्तारी से पहले भी वह फिरौती लेने के लिये ही बैरेज की ओर जा रहा था जिसे गुप्त सूचना के आधार पर डीएसपी शर्मा के द्वारा गिरफ्तर किया गया। डीएसपी शर्मा ने बताया कि कृष्ण हथियार और नशीली दवाओं के कारोबार के साथ साथ अपहरण तथा फिरौती जैसे गंभीर अपराध का योजनाकार भी रहा है। वही भारत नेपाल सीमा के नजदीक के सुनसरी ,सप्तरी सीमा से जुड़े कई सफेदपोश से सीधे संपर्क में रह तस्करी के लाइन व टेंडर के कार्य मे सेटिंग मिलाने का काम करता रहा है।

यादव के गिरफ्तारी की सूचना दी जा रही है काउन्टर पार्ट को
सुनसरी एसपी ने इस बिषय में बताया कि यादव का क्राइम रिकॉर्ड काफी लम्बा है दोनो देशों में कई  मामले दर्ज है। इस विषय में बिहार पुलिस के साथ समन्वय कर साथ मे ही आगे का अनुसंधान किया जाएगा। यादव के गिरफ्तारी के साथ कई पीड़ित गुप्त रूप से नेपाल पुलिस सम्पर्क में आये है। कई पुख्ता प्रमाण पुलिस के हाथ लगे है जिसमे सीमा के दोनों तरफ के ठेके से जुड़े कई सफेदपोश का नाम सामने आया है।

गिरफ्तारी के साथ कोसी प्रोजेक्ट में हलचल
दो देश के वान्टेड सूचि में रहे यादव दो महीने से कोसी नदी के तटबन्ध बनाने के ठेकेदार के रूप में नजर आ रहा था। भारत सरकार के द्वारा निकाले गए टेंडर में प्राय: कोसी तटबन्ध का काम भारतीय कम्पनियों के द्वारा ही किया जाता रहा है। लेकिन कृष्ण यादव के द्वारा पिछले दो महीने से ठेकेदार के रूप में काम करने से कोसी प्रोजेक्ट में भी खलबली मच गई है।
अरबों रुपये के टेंडर कर रहे कोसी परियोजना के कुछ ठेकेदार को जान मारने की धमकी देने की बात भी सामने आई है। भारतीय सरकार के बजट होने पर भी काम नेपाली भूभाग में होने से कोसी नदी क्षेत्र में यादव अपना प्रभाव जमाने के लिये कई लोगो को हत्या की धमकी दे चुका था। वहीं पुलिस के नजर से बचने के लिये प्रायः सीमा इलाके में ही रहा करता था।

डेढ़ महीने पहले भी हुई थी गिरफ्तारी
कृष्ण को डेढ़ महीने पूर्व सुनसरी के तत्कालीन एसपी यज्ञ बिनोद पोखरेल के द्वारा गिरफ्तार किया गया था। लेकिन गिरफ्तारी के अगले दिन ही छोड दिया गया था। डीएसपी शर्मा ने छोड़े जाने पर आपत्ति जताई थी। लेकिन दोबारा कृष्ण यादव को जिला पुलिस कार्यालय सुनसरी के डीएसपी विनोद शर्मा नेतृत्व की टीम ने गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। डीएसपी शर्मा नेपाल में आपराधिक मामले में काफी अनुभवी पुलिस कर्मी में गिने जाते है।

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