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नेपाल में तीन भारतीय नागरिक में करोना की पुष्टि, दो उत्तरप्रदेश व एक दिल्ली के निवासी

13 से 15 फरवरी तक सप्तरी स्थित इस्तेमा में भाग लेने के बाद थे नेपाल में

  • इलाके को किया गया सील

नेपाल (राज टाइम्स)। नेपाल के प्रदेश संख्या के दो जालिम मियां के कारण चर्चा में आने के बाद तीन लोगों के कोरोना पोजेटिव मिलने से नेपाल में सनसनी फैल गई है। नेपाल प्रशासन द्वारा उन लोगों का ट्रेवल हिस्ट्री पता कर जाँच किया जा रहा है। बताते चलें कि जालिम मुखिया के द्वारा 40 - 50 कोरोना संक्रमित भारतीय नागरिकों को नेपाल से भारत भेजेने की साजिश रचने से सम्बंधित पत्र एसएसबी के द्वारा भेजने के बाद पर्सा जिले के विभिन्न इस्लामिक धार्मिक स्थल चर्चा में आ गए जहाँ से विभिन्न लोगों को लाकर कोरेण्टाइन सेंटर में रखा गया था। उन लोगो की जाँच के बाद तीन भारतीय नागरिकों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। यह सभी लोग सप्तरी में हुए इज्तेमा में नेपाल आये थे और उसके बाद से नेपाल में ही रुके थे।
 नेपाल के स्वास्थ्य मन्त्रालय से मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय जनस्वास्थ्य प्रयोगशाला टेकु में इन लोगों के नमुना परीक्षण में कोरोना संक्रमण पोजेटिव मिला है। बीरगंज से नमुना संकलन कर हेटौंडा स्थित प्रयोगशाला में परीक्षण के क्रम में इन सभी का रिपोर्ट पोजेटिव आया था। पुनः राष्ट्रीय प्रयोगशाला में दुबारा जांच में पुष्टि हुई।
हेटौंडा स्थित प्रयोगशाला के प्रमुख नारायण कार्की ने बताया कि भारत से नेपाल आए 24 लोगो सहित 33 लोगों का सैम्पल कोरोना टेस्ट के लिये कलेक्शन कर गुरुवार को टेस्ट के लिये हेटौंडा प्रयोगशाला भेजा गया था  जिसमे तीन लोगों का प्रारम्भिक रिपोर्ट पोजेटिव आने पर पुनः परीक्षण के लिये टेकु भेजा गया था जहाँ पुनः कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।
हेटौंडा के प्रयोगशाला से इसकी जानकारी नारायणी अस्पताल को दिया गया था। जिसके बाद बीरगंज के छपकैया स्थित जामा मस्जिद के क्वयरेन्टाइन सेंटर में रहे इन सभी को शुक्रवार को  नारायणी अस्पताल के आइसोलेसन वार्ड में रखा गया है। संक्रमण की पुष्टि हुए लोगों मे से दो उत्तरप्रदेश व एक दिल्ली का नागरिक है। यह लोग पिछले 13 दिन से बीरगंज के छपकैया स्थित जामा मस्जिद रह रहे थे।
सप्तरी में आयोजित इज्तेमा में सहभागी होने आए इन लोगों के वापस जाने का टिकट 4 अप्रैल को थी लेकिन लॉकडाउन के कारण ये लोग नेपाल में ही रुक गए। लकडाउन खुलने के बाद 15 अप्रैल को टिकट बुक करवाने की बात भी अनुसंधान में सामने आई है। छपकैया जामा मस्जिद के मौलाना अली असगर ने बताया कि इन लोगो को खुद मस्जिद के द्वारा नारायणी अस्पताल को जानकारी करा कर स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया था एवं लॉकडाउन के समय में मस्जिद आने के बाद पुलिस को जानकरी दे कर अलग ही मस्जिद में रखा गया था। वहीं मौलाना असगर के मुताबिक इन सभी लोगो से ज्यादा किसी की बात नही हुई न ही कोई मस्जिद में संपर्क में ही आया। सभी मेडिकल रिपोर्ट के इंतजार में ही थे।

बताते चलें कि मस्जिद इलाके को प्रशासन द्वारा कोरोना वायरस से संक्रमण को लेकर एहतियात बरतते हुए सील कर दिया गया है।

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