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Nepal-डॉक्टर नूतन शर्मा के नेरतित्व में नर्भिक इन्टरनेशनल हॉस्पिटल में आइभिएफ एण्ड फर्टिलिटि सेन्टर का संचालन।




नेपाल का पहला जेनेटिक लैब के साथ अत्याधुनिक आइभिएफ एण्ड फर्टिलिटि सेन्टर  ।



काठमांडू(राज टाइम्स)

बुधवार को एक समारोह के बीच 
थापाथली स्थित नर्भिक इन्टरनेशनल हॉस्पिटल में अत्याधुनिक सुविधा तथा तकनीक के साथ डॉक्टर नूतन शर्मा के नेरतित्व में अत्याधुनिक तकनीक के साथ नेपाल का पहला जेनेटिक लैब के साथ अत्याधुनिक आइभिएफ एण्ड फर्टिलिटि सेन्टर का उद्घाटन किया गया है ।
उक्त आइभिएफ एण्ड फर्टिलिटी सेन्टर का उद्घाटन ग
अस्पताल के संस्थापक अध्यक्ष बसन्तकुमार चौधरी व इनकी श्रीमती  मीना चौधरी, अस्पतालका प्रबन्ध निर्देशक मेघा चौधरी तथा डा. नूतन शर्मा के द्वारा संयुक्त रुप से आइभिएफ सेन्टर का  उद्घाटन कर संचालन में लाया गया है।बरिष्ठ स्त्री रोग तथा टेस्टट्यूब बेबी विशेषज्ञ एवम ल्याप्रोस्कोपिक सर्जन डा. नूतन शर्मा के  नेतृत्व की टीम के द्वारा  नर्भिक आइभिएफ एण्ड फर्टिलिटी सेन्टर में आधुनिक सेवा  प्रदान किया जाएगा ।
डा. शर्मा के अनुसार नर्भिक अस्पताल के द्वारा संचालित आइभिएफ एण्ड फर्टिलिटि सेन्टर नेपाल के सबसे अत्याधुनिक एवम सुविधायुक्त सेन्टर हर । विश्वमा विगत के दिनों में प्रयोग में आए अत्याधुनिक उपकरण तथा तकनीक का प्रयोग कर स्तरीय सेवा देने की बात डॉक्टर नूतन शर्मा ने कही है बता दे की
देशका अन्य आइभिएफ सेन्टर में जेनेटिक लैब की सुविधा नही है । लेकिन नर्भिक के द्वारा संचालन में लाये गए इस सेन्टर में बंशाणुगत रोग का पहचान करने, प्रि–जेनेटिक डाइग्नोसिस सेवा सहित लैब की व्यवस्था है।  नर्भिक आइभिएफ सेन्टर में एक छत के निचे सभी सुविधाएं यही उपलब्ध है। 


नेपाल के अत्याधुनिक आइभिएफ सेन्टर 

 डा. नूतन शर्मा के अनुसार नार्भिक के आइभिएफ सेन्टर देश का अत्याधुनिक व  सुविधा जनक  सेन्टर भी है यहाँ
प्रि–जेनेटिक डाइग्नोसिस मार्फत स्वस्थ भू्रण का पहचान कर गर्भधारण कराया जाता है जिसके कारण  भविष्य में जन्म लेने वाले बच्चे में  विभिन्न प्रकार के बंशाणुगत रोग का जोखिम समाप्त करने में सहयोग मिलता है। 
नर्भिक के इस सेन्टर में आधुनिक सुविधा के साथ  स्त्रीरोग, प्रसूति सेवा के  निसन्तान दम्पत्तिह के लिए सम्पूर्ण उपचार सेवा उपलब्ध है डॉक्टर शर्मा ने बताया 
की अधिक उम्र में विवाह, धुम्रपान तथा मादक पदार्थ के सेवन, यौन सम्बन्धी रोग,   असुरक्षित गर्भपतन, महिनावारी को रोकने के दवा का अधिक सेवन, लम्बे समय तक गर्भनिरोधक अस्थायी साधन का प्रयोग, अधिक मोटोेपन, सुगर तथा थाइराइड के समस्या के कारण भी  महिला में बाँझपन होने की संभावना रहती है।

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