सर्वोच्च अदालत ने जसपा के 11 के साथ ही कुल 20 मंत्रियों को पदमुक्त होने का आदेश दिया है।
काठमांडू(AIJC)
नेपाल की राजनीति में एक बार फिर से गर्माहट पैदा हो गयी है संसद बिगठन के बाद काम चलाऊ प्रधानमंत्री के रूप में रहे प्रधानमंत्री ओली के द्वारा मंत्री परिषद के पुनर्गठन को अवैधानिक होने की बात कहते हुए सर्वोच्च अदालत में दायर की गई रिटों पर सर्वोच्च के प्रधान न्यायाधीश चोलेन्द्र शमशेर जबरा और न्यायाधीश प्रकाश कुमार ढुङ्गाना की बेंच ने इस आदेश को जारी किया है।
जनता समाजवादी पार्टी के महंथ ठाकुर पक्ष को सरकार में समाविष्ट करते हुए काम चलाऊ सरकार के प्रधानमंत्री ओली ने पिछले दिनों पहली बार मंत्री परिषद का विस्तार किया था। नए मंत्री मंडल में 17 सदस्य थे।
18 दिनों में ही इन्हें गवानी परी मंत्रिपद ।
रघुवीर महासेठ (विदेश मंत्रालय)
राजेंद्र महतो (उप प्रधानमंत्री वशहरी विकास)
खगराज अधिकारी (गृह)
शरत सिंह भंडारी (ऊर्जा जलस्रोत तथा सिंचाई)
अनिल कुमार झा (पेयजल)
शेर बहादुर तामांग (स्वास्थ्य तथा जनसंख्या)
राज किशोर यादव (उद्योग, वाणिज्य तथा आपूर्ति)
लक्ष्मणलाल कर्ण (भूमि व्यवस्था सहकारी तथा गरीबी निवारण)
नैनकला थापा (संचार तथा सूचना प्रविधि)
ज्वाला कुमारी शाह (कृषि तथा पशु पक्षी विकास)
विमल प्रसाद श्रीवास्तव (श्रम रोजगार तथा सामाजिक विकास)
उमा शंकर अरगरिया (संस्कृति, पर्यटन तथा नागरिक उड्डयन)
चंदा चौधरी (महिला, बाल-बालिका तथा ज्येष्ठ नागरिक)
एकबाल मियां (युवा तथा खेलकूद)
नारद मुनि राना (वन तथा वातावरण)
गणेश कुमार पहाड़ी (संघीय मामला तथा सामान्य प्रशासन)
मोहन बानियाँ (प्रधान मंत्री तथा मंत्री परिषद कार्यालय)
पद गँवानेवाले राज्य मंत्री ---
चंद्र कांत चौधरी (ऊर्जा जलस्रोत तथा सिंचाई)
रेणुका गुरुंग (महिला बाल बालिका तथा ज्येष्ठ नागरिक)
आशा कुमारी बिक (वन तथा वातावरण)
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