दरभंगा पार्सल ब्लास्ट : कई राज्यों की एटीएस वारदात के एक हफ्ते बाद भी खाली हाथ
विस्फोट के बाद पार्सल का निरीक्षण करते दरभंगा जीआरपी के अधिकारी (फाइल फोटो)।
सेंट्रल डेस्क(राज टाइम्स)
। दरभंगा जंक्शन पर 17 जून को पार्सल में हुए व्लास्ट के मामले में जांच एजेंसी जिस मो. सुफियान को तलाश रही वि को चकमा देकर नेपाल भाग गया है। जांच एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि उसके मोबाइल का टावर लोकेशन नेपाल सीमा के आसपास का बता रहा है। मामले की जांच में जुटी बिहार एटीएस से इस मामले की जांच का भार अब एनआईए ले सकती है। सुफियान के नेपाल भाग जाने की सूचना मिलने के बाद माना जा रहा है कि उसकी तलाश एनआईए आसानी से कर सकेगी।
अत्यधिक तीव्रता वाला विस्फाेटक था शीशी में
इस बीच, एफएसएल ने विस्फोटक को लेकर अपनी रिपोर्ट एटीएस को सौंप दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह काफी उच्च क्वालिटि का था और इससे व्यापक नुकसान हो सकता था। हालांकि कपड़े के बंडल में रखे होने की वजह से इसकी तीव्रता काफी कम हो गयी और जान-माल का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।
चतरा के मो. सुफियान ने दरभंगा को बनाया नया ठिकाना
मो. सुफियान पाकिस्तान से ट्रेंड आतंकी है। 2016 में दरभंगा से आतंकी यासीन भटकल के पकड़े जाने के बाद भारतीय जांच एजेंसी उसके पीछे पड़ी हुई है। पूर्व में उसका ठिकाना झारखंड का चतरा था। पर, दरभंगा में हुए धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि उसने दरभंगा को अपना नया ठिकाना बनाया है।
बताया जाता है कि दरभंगा प्लेटफॉर्म नंबर दो पर धमाके के बाद जब आरपीएफ शुरुआती जांच कर रही थी उस वक्त एक शख्श संदिग्ध गतिविधि करता हुआ पाया गया। वह प्लेटफॉर्म नंबर एक पर दाखिल हुआ और विस्फोट स्थल पर दूर से नजर रख रहा था। इस दौरान उसने किसी से मोबाइल फोन पर करीब 10 मिनट तक बातें की और फिर वहां से चला गया। माना जा रहा है कि वह शख्श मो. सुफियान ही था। जिस पार्सल में ब्लास्ट हुआ वह सिकंदराबाद से मो. सुफियान के नाम से ही भेजा गया था। हालांकि पार्सल भेजने वाले ने अपना और रिसीव करने वाले का नाम, पता और मोबाइल नंबर गलत बताकर बुकिंग की थी।
सिकंदराबाद से 15 जून को सुफियान के नाम से बुक किया गया था पार्सल
सिकंदराबाद में 15 जून को बुक किये गये इस पार्सल में 17 जून को दरभंगा पहुंचने पर धमाका हुआ था। इसकी शुरुआती जांच दरभंगा और सिकंदराबाद आरपीएफ ने की। पर जब इस मामले में मो. सुफियान का नाम आया तो बिहार एसटीफ और तेलंगाना एसटीएफ ने अपने स्तर से जांच शुरू की।
तेलंगाना एसटीएफ ने इस मामले में चार संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। ये चारों संदिग्ध कार से सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन परिसर में दाखिल हुए थे। एक अन्य सीसीटीवी फुटेज में उनके हाथों में उसी तरह का बंडल दिख रहा है जिस तरह का बंडल दरभंगा पहुंचा और यहां उसमें विस्फोट हुआ। इस मामले की जांच का दायरा दरभंगा, सिकंदराबाद, मध्य प्रदेश, झारखंड और जम्मू कश्मीर तक पहुंच चुका है।
दरभंगा पूर्व में भी आतंकवादियों की पनाहगाह रह चुका है। यहीं आकर आतंकी सरगना यासीन भटकल ने कई महीनों तक शरण ली थी। पड़ोसी देश नेपाल से सटे होने के कारण दरभंगा एक समय आतंकवादियों का सेफ जोन बन गया था। पूरे देश में दरभंगा मॉड्यूल की चर्चा होने लगी थी। करीब सात साल पहले दरभंगा और उसके आसपास के जिलों में आधा दर्जन से अधिक आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद कई वर्षों तक यह क्षेत्र शांत रहा।
लेकिन अचानक सिकंदराबाद से दरभंगा भेजे गए कपड़े के बंडल मे हुए विस्फोट ने एक बार फिर दरभंगा की पुरानी घटनाओं को ताजा कर दिया है। पिछले साल दरभंगा के ही आजमनगर मोहल्ले में बड़ा विस्फोट हुआ था जिसमें घर का आधा भाग उड़ गया था। पूर्व में भी कई तरह की घटनाएं यहां हो चुकीं हैं।
कोई टिप्पणी नहीं