नेपाल की राजनीती में फिर से आया नया मोड़।
काठमांडू (AIJC)
नेपाल में पिछले 24 घंटे से जारी राजनीतिक सरगर्मी के बीच चिनिया लॉबिंग के समर्थक माने जाने वाले मदेशी दल के एक गुट के नेता उपेन्द्र यादव व बाबू राम भट्टराई के द्वारा अपने ही पार्टी के गठबंधन में रहे पूर्व राजपा के अध्यक्ष व बरिष्ठ नेता महंथ ठाकुर व राजेन्द्र महतो के द्वारा प्रधानमंत्री ओली को फिर से समर्थन देने के बाद बिपक्ष के साथ इसका विरोध करने से नेपाल की राजनीति तो गरमा ही गयी है इसके पीछे उपेन्द्र यादव के द्वारा अब तक कई दफा मंत्री बनने के बाद भी मदेशी जनता के द्वारा उठाये गए मांग को सरकार से सम्बोधन न करवा पाने में असमर्थ होना भी है वही दूसरी तरफ महंथ ठाकुर व राजेन्द्र महतो के द्वारा सरकार को सशर्त समर्थन देने की बात की गई थी जिसके अनुरूप मदेश आंदोलन में मदेशी नेता कार्यकर्ता पर दर्ज मामले को सरकार ने वापस लेने का फैसला तो किया ही है दूसरी तरफ भारत की बेटी नेपाल में बहु बनने के अब तक दोहरी भेदभाव के शिकार हो रही थी जिस कानून को भी प्रधानमंत्री ओली ने मंत्रिपरिषद से रद्द करते हुए भारत की बेटी को भी नेपाल में पूर्ण नागरिक का दर्जा देते हुए माता के नाम से भी वंशज नागरिकता का कानून को पारित किया है ।जिससे मदेश में उपेन्द्र यादव के घटते लोकप्रियता को रोकने के लिए अब हर सम्भव प्रयास किये जाने से राजनीतिक सरगर्मी तो बढ़ी ही है दूसरी तरफ मदेश के नेरत्तिव कर रहे दोनो गुट के नेता दो फार में दिख रहे हैं ।बता दे कि गुरुवार को संविधान की धारा 76 (5) के अनुसार राष्ट्रपति ने वैकल्पिक सरकार के गठन के लिए (आज) शुक्रवार शाम 5 बजे तक का समय दिया था।
इस समय में प्रधानमंत्री केपी ओली ने पुनः प्रधानमंत्री पद के लिए दावा प्रस्तुत किया है। अपने पक्ष में 153 सांसद होने का उन्होंने दावा किया है।
दावापत्र में जसपा की तरफ से अध्यक्ष महंथ ठाकुर तथा संसदीय दल के नेता राजेंद्र महतो व एमाले के अध्यक्ष एवं दल के नेता केपी शर्मा ओली के हस्ताक्षर होने की जानकारी प्रधानमंत्री के प्रमुख राजनीतिक सलाहकार विष्णु रिमाल ने दी
वही विपक्ष से प्रधानमंत्री का दावा करते हुए गठबंधन की ओर से कांग्रेस सभापति शेर बहादुर देउवा भी 149 सांसदों के हस्ताक्षर राष्ट्रपति समक्ष पेश किये हैं।
अब राष्ट्रपति देउवा अथवा ओली किसको नियुक्त करने का निर्णय करती हैं।
ओली द्वारा एमाले के सभी 121 सांसद होने का दावा किया है जबकि उनके ही दल के वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल विपक्षी नेताओं के साथ मिलकर शीतल निवास राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे हैं। माधव पक्ष के सांसदों द्वारा गठबंधन पर हस्ताक्षर किये जा चुकने के कारण अब ओली के कागज पर ही 121 संसद नहीं है, स्पष्ट है।लेकिन इन सब के बीच एक सवाल उठता क्या राजनीतिक पद पूर्ति के लिए भारत की बेटी नेपाल की बहू के रूप में पूर्ण नागरिक के दर्जा मिलने से चूक जाएगी ?
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