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पर्यवारण को बिनाश करने पर भूमाफिया की नजर।


122 बीघा सरकारी वनजंगल को करवाया अपने नाम।



पटना,राज टाइम्स
 

 
वन माफिया किस तरह से प्रकृति को विनाश के तरफ ले जाने के लिए आतुर है इसका जीता जागता उदाहरण नेपाल के प्रदेश संख्या दो के रौतहट जिले में रहे एक सौ बाईस बीघा में फैले सामुदायिक वन को कब्जा करने के नियत से भुुमाफिया के द्वारा वन कार्यालय रौतहट व एक सामुदायिक वन  के बिरुद्ध सर्वोच्च अदालत में मामला दर्ज कराया है।
रामेछाप जिले की बामती भण्डार निवासी खडक कुमारी कार्की सहित अन्य के द्वारा जिला वन कार्यालय रौतहट व शिवशक्ति सामुदायिक वन के विरुद्ध सर्वोच्च अदालत में उत्प्रेसन का मामला दायर किया है।
कार्की के द्वारा मामला दर्ज करवाने के बाद मुद्धा दायर करने के बाद दोनों पक्षों को इस मामले पर सलाह के लिए बुलाने की बात  डिभिजन वन कार्यालय रौतहट के प्रमुख अमरदेव यादव ने जानकारी दिया है ।

एक दशक पूर्व रची गयी थी भूमाफिया के द्वारा तानाबाना।

करीब एकदशक पूर्व तत्कालिन वन के कुछ  कर्मचारी व नापी कार्यालय गौर के कुछ  कर्मचारी के मिलीभगत से  भुुमाफिया के द्वारा वन कार्यालय रौतहट के नाम मे रहे एक सौ बाईस बीघा वन व्यक्ति के नाम मे पारित करवाने में सफल रहे थे।

एक दशक की लड़ाई के बाद मुक्त हुई थी वन।

  एकदशक से माफिया के द्वारा बिभिन्न बाधा अडचन खडा करने के बाद बीते वर्ष उक्त भूमि  व्यक्ति के नाम से हटा पुनः नेपाल सरकार के नाम मे वापस हुआ था।

कई अधिकारियों ने भूमाफिया के चुंगल से मुक्त करवाने के लिए किया था प्रयास।

डिभिजन वन कार्यालय रौतहट के तत्कालिन प्रमुख बिनोद कुमार सिंह, रौतहट के प्रमुख जिला अधिकारी  ईन्द्रदेव यादव के उक्त 122 बीघा वन जंगल को ब्यक्ति के नाम से वापस करवाते हुए राष्ट्रीय वन के रुप में परिवर्तन हुआ था। 

प्रकृति पर भूमाफिया का हमला 

जिस तरह से लगातार भूमाफिया के द्वारा जंगल को बिनाश करने की सुनियोजित साजिश रची जा रही है वह कही न कही आने वाले समय के लिए भयवाह स्थिति पैदा करेगी पर्यवारण के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय ही नही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाज बुलंद करने की जरूरत है।

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