किशनपुर (सुपौल) से लालबहादुर यादव की रिपोर्ट-
संकट के इस घड़ी में जहां एक तरफ लोगों को कोरोना का भय सता रहा है वहीं दुसरी तरफ महंगाई व बेरोजगारी से भी लोग परेशान है। हालात इस कदर बनता जा रहा है कि यदि लोग संक्रमण से पार पा लिए तो मंहगाई से जीवन बचाना मुश्किल हो जाएगा। बेरोजगारी का आलम यह है कि राज्य अथवा राज्य केे बाहर से लाखों की संख्या में हुनरमंद लोग गांव लौट चुके है। अब उनके पास जमा पुंजी भी या तो समाप्त हो चुका है या फिर समाप्त होनेे वालाा है। ऐसी स्थिति में इस मंहगाई के दौर में अब उनके लिए घर चलाना मुश्किल हो रहा है।
आसमान छूते महंगाई की हम बात करें तो चावल, आंटा, दाल, सरसो तेल सभी के किम्मतो में दोगुनी बढ़ोत्तरी हो चुकी है। इसी तरह सब्जी का मूल्य भी आसमान छूने लगा है। सभी तरह की सब्जी की कीमत 50 से 80 के बीच पहुंच चुका है। यहां तक कि हरी साग सब्जी भी 40 से 50 रुपया किलो मिलने लगा है। इतना ही नहीं लोगों को महंगाई के साथ-साथ सब्जी की किल्लत भी झेलनी पड़ रही है। बाजार का समय निर्धारित होने के कारण कल तक एक क्विंटल से अधिक सब्जी बेचने वाले व्यापारी अब मात्र 25 से 30 किलो सब्जी बाजार ला रहे हैं। जिससे सब्जी की खरीदारी में मारामारी की स्थिति बनी रहती है। जानकारों की माने तो सरकार संक्रमण पर कंट्रोल करने के साथ-साथ महंगाई और बेरोजगारी पर कंट्रोल नहीं की तो आने वाले दिनों में संक्रमण से अधिक लोग बेरोजगारी व महंगाई से दम तोड़ देंगे।
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