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नेपालि नागरिक से व्याह कर जाने वाली विदेशी महिला को नागरिकता के लिये देनी होगी अग्निपरीक्षा




इंटरनेशनल डेस्क (राज टाइम्स)

नेपाल के संघीय संसद द्वारा प्रतिनिधिसभा के राज्यव्यवस्था तथा सुशासन समिति के द्वारा पारित किये गए नेपाल की नागरिकता कानून, 2063 को संशोधन कर बनाये गए नए कानून को नेपाल के प्रतिनिधिसभा व राष्ट्रिय सभा के संसद के द्वारा बहुमत से पारित कर  कानुनी मान्यता दिया गया । जिसमे नेपाली नागरिक से विवाह करने वाली विदेशी महिला के द्वारा नेपाल के हित विपरीत के कार्य मे शामिल होने पर करवायी करने का प्रवाधान रखा गया है । 
 रविवार को नेपाल के राज्य व्यवस्था समिति के द्वारा पारित किये गए कानून में नेपाली नागरिक के साथ  विवाह कर आने वाली विदेशी महिला को स्थायी आवासीय प्रमाण पत्र देने की बात कही गई है जिसमे कहा गया है की  नेपाल के राष्ट्रिय हित के विपरीत गतिविधि करने पर निवास प्रमाण पत्र को रद्द करते हुए  वैवाहिक अंगीकृत नागरिकता भी नही देने का कानून को समावेश किया गया है ।नेपाल के द्वारा विवादित भूमि
कालापानी, लिपुलेक व लिम्पियाधुरा को समावेश कर नया  नक्सा जारी करने के पश्चात समाजवादी पार्टी की सांसद सरिता गिरी के द्वारा संसद में इस विधयेक का विरोध किया गया था जिसके बाद  नेकपा के सांसद लालबाबु पण्डित के द्वारा नागरिकता कानून को संसोधन का प्रस्ताव रखा था जिसे सत्तासीन नेकपा के द्वारा संसोधन प्रस्ताव को मान्य करते हुए इस नए कानून को पारित किया है ।

वही नए नागरिकता कानून में स्वतंत्रता पर पाबंदी लगाते हुए दिए गए निवास प्रमाण पत्र के आधार पर नेपाल में चल-अचल सम्पति आर्जन   , व्यवसायिक लाभ प्राप्त कर सम्पति को अन्य कारोबार में भी समावेस तो कर सकेगी लेकिन राज्य ब्यवस्था को अगर संदेह होता है तो सभी अधिकार से वंचित करने का भी नियम समावेस किया गया है । संसदीय समिति से पारित इस प्रतिवेदन कहा गया है की  निवास अनुमतिपत्र प्राप्त करने वाली महिला के द्वारा अधिकार उपयोग करने के बारे में कहा गया है की  'पेशा व्यवसाय संचालन करने की अनुमति, उद्योग, व्यापार तथा व्यवसाय का स्थापना व संचालन, जन्म, मृत्यु, विवाह, सम्बन्धबिच्छेद,  व्यक्तिगत घटना पंजीकरण करने की सुबिधा किसी भी शैक्षिक संस्था में अध्ययन कर प्रमाणपत्र प्राप्त करने व अन्य आर्थिक सामाजिक , सांस्कृतिक अधिकार प्राप्त करने का सुबिधा निवास प्रमाण पत्र लेने की अनुमति होगी ।सात वर्ष उपरान्त राज्य के द्वारा सुनिश्चित करने के बाद ही  वैवाहिक अंगीकृत नागरिकता नेपालि नागरिक से विवाह कर आयी  विदेशी महिला को नागरिकता दिया जाएगा इसके लिये सात वर्षों तक कई अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा इस दरमियान अपने जन्मभूमि का न ही समर्थन कर पाएगी न ही सुसराल का बिरोध ।

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