· आरोग्य सेतु टीम ने कहा- नों टेंशन, सिस्टम को लगातार अपग्रेड कर रहे है हम
टेक डेस्क। आरोग्य सेतु एप्प पर डाटा की
सुरक्षा को लेकर एक इथिकल हैकर द्वारा सवाल उठाने के बाद में लोगों के मन में संशय
की स्थिति उत्पन्न हो गयी है हालाँकि केंद्र सरकार ने बुधवार को इस पर सफाई पेश की
है। आरोग्य सेतु एप्प बनाने वाली टीम ने भी कहा कि किसी यूजर की निजी जानकारियां
लीक होने का कोई खतरा नहीं है। हम लगातार सिस्टम को अपग्रेड कर रहे हैं और उसकी टेस्टिंग
भी की जा रही है।
बताते
चले कि पूर्व में आधार सिस्टम में खामियाँ बताने वाले फ्रांस के साइबर एक्सपर्ट
(इथिकल हैकर) एलिअट एल्डार्सन ने कल मंगलवार को आरोग्य सेतु एप्प के लिए चैलेंज
किया था। वहीं सरकार की ओर से कहा गया है कि हम साइबर एक्सपर्ट से बात कर चुके
हैं, चिंता
करने की जरूरत नहीं है।
साइबर एक्सपर्ट ने क्या कहा था?
एलिअट एल्डार्सन ने ट्विटर के जरिए आरोग्य सेतु टीम से कहा था कि इस ऐप में सिक्योरिटी का इश्यू है। जिससे इसमे स्टोर 9 करोड़ लोगों की प्राइवेसी को खतरा है। उसने अलग से बात करने की भी बात कही थी. एक्सपर्ट ने अपने ट्वीट में यह भी कहा कि राहुल गांधी सही थे। बताते चले कि कुछ दिनों पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोग्य सेतु एप्प में डेटा की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया था।
एलिअट एल्डार्सन ने ट्विटर के जरिए आरोग्य सेतु टीम से कहा था कि इस ऐप में सिक्योरिटी का इश्यू है। जिससे इसमे स्टोर 9 करोड़ लोगों की प्राइवेसी को खतरा है। उसने अलग से बात करने की भी बात कही थी. एक्सपर्ट ने अपने ट्वीट में यह भी कहा कि राहुल गांधी सही थे। बताते चले कि कुछ दिनों पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोग्य सेतु एप्प में डेटा की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया था।
सरकार की ओर से जारी बयान में बताया गया कि आरोग्य सेतु ऐप को लेकर
एक एथिकल हैकर ने हमें सतर्क किया था। हमने हैकर से दो मुद्दों पर चर्चा की है-
प्रश्न:- एप्प कुछ मौकों पर यूजर की लोकेशन फेच करता है।
उत्तर:- एप्प का डिजाइन ऐसा ही है। इस बारे में प्राइवेसी पॉलिसी में विस्तार से बताया गया है। सभी के लाभ के लिए इसे उपयोग किया जा रहा है। यूजर की लोकेशन सर्वर पर एनक्रिप्टेड और सुरक्षित तरीके से स्टोर की जाती है।
प्रश्न:- यूजर अपना रेडियस और लैटीट्यूड-लॉन्गिट्यूड बदलकर होम स्क्रीन पर कोरोना के आंकड़े देख सकता है।
उत्तर:- रेडियस के पैरामीटर फिक्स हैं। 500 मीटर, एक किलोमीटर, दो किलोमीटर, पांच किलोमीटर और 10 किलोमीटर के स्टैंडर्ड पैरामीटर हैं। यूजर एक से ज्यादा लोकेशन के डेटा देखने के लिए लैटीट्यूड-लॉन्जिट्यूड बदल सकता है। सभी लोकेशन के लिए ये जानकारियां सार्वजनिक हैं। इससे किसी की निजी या संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा पर असर नहीं पड़ता।
हालाँकि साइबर
एक्सपर्ट सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ. उसने आरोग्य
सेतु टीम के जवाब पर कहा कि मैं कल फिर संपर्क करूंगा। लेकिन उसने एप्प के लोकेशन के सन्दर्भ में दो घंटे बाद
ही सरकार से पूछा कि क्या आपको ट्राएंगुलेशन के बारे में जानकारी है?
हालाँकि आज 6 मई को करीब दोपहर ढाई बजे साइबर एक्सपर्ट (इथीकल हैकर) ने स्पष्ट किया कि करीब एक माह पूर्व उसने इस एप्प को पहली बार विश्लेषण किया था.एक कमांड लाइन के साथ इस एप्प के किसी भी आनतारिक फाइल को खोलना संभव था लेकिन इस नवीनतम संस्करण पर अधिक संभव नहीं है। उन्होंने (आरोग्य सेतु एप्प टीम ने) चुपचाप इस समस्या का समाधान कर दिया है।
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