- दारुल
कजा इमारत ए शरिया अररिया के माध्यम से किया गया ऐलान- ईद से पहले पहले, बल्कि अभी से ही जकात वसदका ए फितर की रकम जरूरतमंदों के बीच करें अदा
अररिया। जिला मुख्यालय स्थित इमारत ए शरिया अररिया के काजी अतिकुल्ला रहमानी ने सदका ए फितर अदा करने का ऐलान किया है। कहा कि प्रत्येक आदमी पौने दो किलो गेहूं की कीमत के मुताबिक कम से कम 50 रूपय अदा करें। काजी अतिकुललाह रहमानी ने कहा कि हर मुसलमान पर वाजिब है कि वह अपनी और अपनी नाबालिग औलाद की तरफ से सदका ए फितर की रकम कम से कम 50 रुपए जरूरतमंदों के बीच अदा करें। उन्होंने कहा कि ईद से पहले फितरा व जकात की रकम अदा करना वाजिब है। उन्होंने कहा कि फित्रा की रकम गरीबों, यतीमों,लाचारों व बेवाओं के बीच वितरण करना जरूरी है। ताकि जरूरतमंदों के घर में भी लोग ईद की खुशी में शामिल हो सके। कहा कि ईद खुशियों का पर्व जरूर है, लेकिन यह खुशी खुद के ही घर तक सीमित रह जाए, ऐसी शिक्षा इस्लाम नहीं देती है। अपनी खुशी के साथ पड़ोसी व समाज में रह रहे यतीमों व गरीबों के घर भी रमजान व ईद की खुशी मिले, यही इस्लाम का पैगाम है।
उन्होंने बताया कि सदका ए फितर उन तमाम लोगों पर वाजिब है, जिनके पास जरूरियाते जिंदगी के अलावा भी सामान मौजूद हो, उस पर सदका ए फितर वाजिब है। जकात और फितर निकालने का उद्वेश्य यह है कि जरूरतमंद की मदद हो सके और वह भी ईद की खुशी में शामिल हो सके। इधर माहे रमजान का पहला असरा रहमत का पूरा होने चला है। ग्यारह रमजान से दूसरा अशरा मगफिरत का शुरू हो जायेगा। इस दौरान सभी अकीदतमंद रोजा रखने के साथ अल्लाह की बंदगी भी करें और अल्लाह से अपनी गुनाहों की मगफिरत की दुआ मांगने का एहतमाम भी करें। उन्होंने कहा 87 ग्राम सोना व 612 ग्राम चांदी के बराबर मालियत रखने वाले व्यक्ति पर ढाई फीसदी जकात निकालना फर्ज है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मुकद्दस महीने के दरमियान सदका फितर व जकात की रकम जरूरतमंदों के बीच वितरण करने से अल्लाह तबारक व ताआला इसका बेहतर बदला देता है। जकात की रकम अदा करने से आदमी सभी बलाओं व आफतों से महफूज रहता है तथा माल व दौलत मेल कुचैल से पाक भी हो जाता है। इतना ही नही जकात अदा करने से दौलत में बढ़ोतरी और बरकत भी होती है।
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