अररिया। रहमत बरकत का मुकद्दस माह ए रमजान के 18 रोजे शुक्रवार को पूरे हो गए। वहीं खुशियों का पर्व ईद को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने तै...
अररिया। रहमत बरकत का मुकद्दस माह ए रमजान के 18 रोजे शुक्रवार को पूरे हो गए। वहीं खुशियों का पर्व ईद को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी है। ऐसे में जिले के एक सरकारी मदरसा के वरीय शिक्षक मुफ्ती मोहम्मद इनामुल बारी साहब ने मालदार लोगों से ईद की खरीदारी के मौके पर आसपास के जरूरतमंदों की मदद करने की अपील की है। मुफ्ती सिद्दिकी ने कहा कि माहे रमजान में गरीब , लाचार, यतीम, बेसहारा जरूरमंदों की मदद करने पर अल्लाह तबारक व तआला बेहतर बदला देता है।
कुरआन व हदीश में भी है कि माहे रमजान में जरूरतमंदों की मदद करने पर सत्तर गुना अधिक सवाब मिलता है। अगर आपके आसपास या रिश्तेदारों में कोई गरीब है तो उसकी मदद जरूर करें। उन्होंने कहा कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें मदद की दरकार होती है, मगर शर्म होने कारण मांग नहीं सकते। ऐसे लोगों की मदद आप खोज कर और उन्हें छुप कर जरूर करें। हालांकि अल्लाह के नबी हजरत मोहम्मद (स) ऐसे लोगों को खोज-खोज कर मदद किया करते थे, हम सब जरूरतमंदों की मदद करेंगे तो अल्लाह हम सबको जरूरत से ज्यादा नवाजेगा और किसी गरीब बच्चों की मुस्कुराहट आपको भी खुशी देगी। इसलिए आसपास के जरूरतमंद लोगों की दिल खोलकर मदद करें। ताकि उनके घर पर भी ईद की खुशी मिल सके। इस माह में एक नेकी का बदला अल्लाह ताला सत्तर गुना ज्यादा कर देते हैं, इसलिए दिल खोल कर सदका, खैरात करें।
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