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शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य कराना शिक्षा अधिकार कानून का उल्लंघन, बीएलओ कार्य की वजह से पठन-पाठन हो रहा प्रभावित: पंकज सिंह

  • बीएलओ कार्य से मुक्ति के लिए 174 शिक्षकों ने सामूहिक रुप से सौंपा आवेदन
  • गैर शैक्षणिक कार्यों के खिलाफ शिक्षकों के सत्याग्रह आन्दोलन को संघ का मिला समर्थन 

सुपौल एक तरफ शिक्षा में सुधार को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा नित्य नए फरमान जारी कर रही है,तो दूसरे तरफ कभी जाति गणना,तो कभी पशु गणना,कभी बोरा बेचना आदि कार्यों के अतिरिक्त बी एल ओ कार्य की वजह से शिक्षक मानसिक प्रताड़ना के दौर से गुजरने के लिए विवश है।जबकि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक द्वारा गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति का आदेश पूर्व में ही निर्गत किया जा चुका है। बावजूद शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य लेने की वजह से पठ्न-पाठ्न प्रभावित हो रहा है।

गैर शैक्षणिक कार्यों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करते शिक्षक

शिक्षकों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि 09 से 04 विद्यालय और 04 से 06 भी. सी. और उसके बाद बी एल ओ कार्य को अंजाम देना कितना पीड़ादायक है,नही बता सकते है। शिक्षकों ने बताया कि बेवजह चार बजे के बाद भी. सी. में आने के लिए विवश किया जाता है,जबकि निरीक्षण टीम प्रतिदिन वही रिपोर्ट ले ही रही है,जो भी. सी.  में पूछा जाता है। इसी से आहत होकर सुपौल प्रखण्ड के 174 शिक्षकों ने  बी एल ओ कार्य से मुक्त करने हेतू प्रखण्ड विकास पदाधिकारी सुपौल को आवेदन समर्पित करते हुए बताया है कि अगर हम सभी शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त नही किया जाता है,तो अगले चरण में बी एल ओ कार्य से सामुहिक सामूहिक इस्तीफा देते हुए कार्य बहिष्कार कर सत्याग्रह शुरू किया जाएगा। वैसे भी शिक्षकों का नियुक्ति पढ़ाने के लिए हुआ है न कि बी एल ओ कार्य करने के लिए। वही शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष सह सुपौल जिलाध्यक्ष पंकज कुमार सिंह ने  सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्गत पत्र का हवाला देते हुए कहा कि सरकार द्वारा  कर्मियों के लिए कार्य का अवधि जहाँ पूर्व से निर्धारित है,वही माननीय उच्च न्यायालय पटना के न्यायादेश के आलोक में  शिक्षा विभाग ने भी शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नही लेने का पत्र पूर्व में ही निर्गत किया है। उन्होंने बताया कि गैर शैक्षणिक कार्य की वजह से छात्रों का पठ्न-पाठ्न प्रभावित होने से इनकार नही किया जा सकता है। बताया कि शिक्षा अधिकार  कानून में भी गैर शैक्षणिक कार्यों को पुरी तरह प्रतिबंधित किया है। मसलन शिक्षा व शिक्षक हित में सभी शिक्षकों को बी एल ओ कार्य से मुक्त कर देना चाहिए। बताया कि बी एल ओ कार्य से मुक्ति के लिए शिक्षकों के सत्याग्रह आन्दोलन का संघ हर तरह से समर्थन करते हुए जिलाधिकारी से शिक्षकों को बी एल ओ कार्य से मुक्त करने का मांग करती है।

बी एल ओ कार्य से मुक्ति हेतू बिजेन्द्र राम, मुमताज आलम ,जयप्रकाश बिजय पासवान,शंभु राम,राजकुमार पासी,वैद्यनाथ मंडल,विक्रम शर्मा,अशोक पासवान,आनंद कुमार सिंह,संतोष मंडल,राजकुमार मंडल,विनोद कुमार,अरुण शर्मा शहनवाज हुसैन,चन्द्रकांत सिंह,छोटेलाल शर्मा,प्रेम कुमार कामैत,अजित राय,सत्येन्द्र कुमार गयानंद कुमार,पंकज विश्वास,रवि राज,मो अयूब आदि बी एल ओ ने प्रखण्ड विकास पदाधिकारी सुपौल को इस्तीफा सौंपा है।



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