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आंगन से लेकर बाथरूम तक बिछाई गई पेवर ब्लाक ईंट, ढक्कन के अभाव में सोख्ता को मिट्टी से भरा

  • छातापुर प्रखंड के उधमपुर पंचायत का मामला, वार्ड सदस्यों के आवेदन पर योजनाओं की हुई जांच 

    
    सुपौल। छातापुर प्रखंड के उधमपुर पंचायत में क्रियान्वित विकास की योजनाओं में गड़बड़ी आमजनों के साथ छलावा है। सार्वजनिक मद की राशि को योजना क्रियान्वयन के नाम पर ऐसी जगह खपाया गया जो सीधे तौर पर व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने की गवाही दे रहा है। एक वार्ड सदस्य ने तो यहां तक बताया कि मात्र दो घरों को सड़क का लाभ पहुंचाने के लिए पीसीसी ढलाई के नाम पर लाखों की राशि खर्च की गई है। 
मामला सच है या झूठ इसका खुलासा तो जांच रिपोर्ट के बाद ही हो पाएगा। लेकिन बुधवार को पहुंची गठित जांच टीम के मुआयना के दौरान जिस तरह की तस्वीरें सामने आई है सिस्टम को कटघरे में ला रहा है। योजना स्थलों की तस्वीरें बता रही है कि जिस योजना राशि को सार्वजनिक हित पर खर्च किया जाना था, उसे कई स्थानों पर व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के निमित्त व्यय किया गया। 
        हैरत इस बात की भी कि हालिया निष्पादित योजना स्थलों में से कई स्थानों पर सूचनापट्ट का भी अता पता नहीं था। अब जबकि पंचायत के उपमुखिया सहित नौ वार्ड सदस्यों के हस्ताक्षरित आवेदन बीपीआरओ को सौंपे गए तो संबंधितों के हाथ पांव फूल रहे हैं। हालांकि बुधवार को हुए जांच के दौरान अपनाई गई गतिविधि को लेकर भी आवेदन कर्ताओं को ऐतराज है। बताया जा रहा है कि गुरुवार को भी जांच टीम के सदस्य पंचायत के दौरे पर थे। लेकिन गुरुवार को पहुंचे टीम के सदस्यों की भनक आवेदनकर्ताओं को नहीं लगी। सूत्र बताते हैं कि वार्ड सदस्यों द्वारा योजनाओं में अनियमितता को लेकर आवेदन दिए जाने के बाद से ही सिस्टम सेट करने की जुगत में संबंधित एड़ी चोटी के जोर आजमाइश पर हैं। अब बात कहां तक बनी यह तो अंदरखाने की बात है। लेकिन जब जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी तो बाद की कार्रवाई खुद ब खुद लग रहे कयासों का राज खोल देगा। 

           
    बानगी देखिए, वार्ड नंबर 12 में चंद माह पूर्व बने नाले का ढक्कन टूट गया। वार्ड नंबर सात में इस्लाम साफी के आंगन में पेवर ब्लाक ईंट बिछा दी गई। वार्ड नंबर पांच के सुरेंद्र मंडल के आंगन में पेवर ब्लाक सड़क बनीं। वहीं ब्राह्मण टोला के दो घरों को जोड़ने के लिए लाखों की राशि से पीसीसी सड़क का निर्माण हुआ। एक व्यक्ति तो ऐसे मिले जिनके आंगन में सोख्ता तो बना लेकिन ढक्कन नहीं डाले जाने के कारण मवेशी के गिरने पर उन्होंने सोख्ता में मिट्टी ही भर दिया। बात यहीं थम जाती तो और बात थी यहां तो आजाद साफी के घर के पीछे बने उनके बाथरूम तक पेवर ईंट बिछा दी गई है। 
        आवेदन के अनुसार इस कारनामे के लिए आवेदकों ने मुखिया, पंचायत सचिव सहित तकनीकी सहायक को जिम्मेदार ठहराया। लेकिन बुधवार को जांच के दौरान इनकी मौजूदगी जांच की निष्पक्षता पर छाप छोड़ गई। हालांकि बुधवार को जांच टीम में शामिल सदस्यों ने योजनाओं की लंबाई चौड़ाई तो मापी, लेकिन अब इनमें 'ईमान' की मापी क्या है इसका खुलासा रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद ही हो पाएगा।

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