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समाज :- कब रुकेगा महिलाएं पर हो रहा अत्याचार?



संगम प्रिया (अररिया)

शारदीय नवरात्र चल रहा है इस पवित्र मास में लोग देवी को पूजते है जिसमे खास कर नारीशक्ति को शशक्त रूप से बखान किया जाता है लेकिन  सवाल उठता है कि क्या  हम अपने समाज मे रह रहे महिलाओं के प्रति यही दृष्टिकोण रखते हैं, यहाँ एक कहावत  कहने को को तो हर महिला यह कह देती है की की कम करके मुझको मत आंको मैं आज के युग की नारी हूं लेकिन यह पंक्ति में ही सिमट कर रह जाती है ,आज 21 वी सदी में जब हम बराबरी की बात करते है तो समाज ,परिवार का देखने सोचने का नजरिया बदल जाता है जिससे आज भी कई ऐसी प्रतिभा घर के चार दीवारी में कैद हो जाती है वही इस आधुनिक युग मे भी हमारे समाज में महिला हिंसा से जुड़ी कितने तरह के मामले नित्य  सामने आते हैं आज भी लड़की एक अभिशाप बनकर ही रह गई है एक महिला की जिंदगी क्या होती वह कोई और नहीं समझ सकता , कुछ घर ऐसे होते हैं जहां महिलाओं को सम्मान नहीं दिया जाता लोग जब उसे ले जाते अपने घर तो ऐसा समझते हैं जैसे मानो एक नौकरानी  को लेकर आए हो  और उससे इंसान ना समझ कर जानवरों जैसा व्यवहार करने लगते हैं आज भी हमारे समाज में दहेज को लेकर कितनी महिलाएं को अपनी जान गंवानी पड़ती है इसका मुख्य कारण घर परिवार के द्वारा अपने बेटियां को बेटों से कम आंकना उसके स्वतंत्रता पर अंकुश लगाना लेकिन बिपरीत परिस्थितियों में  यही लोग कहते हैं वह महिला कायर है जो अपनी जान गवा देते हैं लेकिन करें भी तो क्या करें किसी के साथ ऐसा व्यवहार करें लोग किरासन छिट के जला देते हैं, कोई मार देता हैं कोई खप्पर उठाकर ,गाली गलौज करते हैं महिला भी तो एक इंसान ही है ना उसे भी तो खुलकर जीने का हक है लेकिन हमारा समाज बेटियों के भावना को नहीं समझता बेटियो के प्रति आज भी समाज मे देखने सोचने का नजरिया नही बदला जबकि इतिहास में चांद पर पहुचने का इतिहास भी बेटियों ने ही रचा है। और उस पर घरेलू हिंसा करने लगता है जबकि भारतिय लोक संसद  के द्वारा 2005 में महिला संरक्षण अधिनियम पारित किया गया लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं मिलता दिखा है, लोग आज भी महिलाओं को नीचे स्तर से देखते हैं वह समझते हैं की महिलाएं तो हमारे पैर के जूते है यह क्या कर लेगी मेरा पूरे दुनिया तो हमारा है तो ऐसे करने वाले लोग जरा सोचो जो आपकी मां है वह भी एक महिला ही है जो आपकी बेटी है वह भी एक महिला ही है आज आप किसी की बेटी के साथ घरेलू हिंसा कर रहे हो कल को आपकी बेटी के साथ कोई करेगा और सबसे अहम बात जो नारी का सम्मान नहीं करते वह कभी अपनी जिंदगी में कामयाब इंसान नहीं बन पाते इसलिए हमेशा नारी की सम्मान किया करो नारी एक देवी की रूप होती है वह तुम्हारे जैसे गंदे लोगों का अत्याचार सहने के लिए नहीं आई है

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