इंडो नेपाल सीमा,(AIJCटीम)
भारत नेपाल सीमा में सहज आवागमन के बाद तस्करो के द्वारा अब तस्करी के लिए नया नया जुगाड़ लगाया जा रहा है त्यौहार के सीजन आने के साथ ही नेपाली व्यापारी के द्वारा स्थानीय लोगों का प्रयाेग कर चिनी के तस्करी का बड़ा कारोबार को संचालित होने का खुलासा हुआ है। इसके लिए तस्कर अब भी मुख्य नाका को छोड़ आवागमन के लिए बेकल्पिक मार्ग को ही प्रयोग कर रहे है इसके लिए तस्करो के द्वारा स्थानीय मटीयरवा,इस्लामपुर के स्थानीय महिलाओं का प्रयोग कर जोगबनी बाजार में ही चावल के बोरी में चीनी को सील पैक कर व किराना सामानों के अंदर कपड़े व अन्य महंगे सामानों की तस्करी हो रही है।इसके लिए बिराटनगर के ब्यापारियों के द्वारा 25 किलो के एक चावल की बोरी में पैक किये गए चीनी को जोगबनी से विराटनगर के गुद्री तक पहुचाने के एवज में 250 रुपये से तीन सौ रुपये तक पारिश्रमीक दिया जाता है इसके लिए चाणक्य चौक ,इस्लामपुर, हुलास गेट के बेकल्पिक रास्ते का प्रयोग करने की बात स्रोत ने कही है चावल की बारी होने से किसी को शंका भी न हो इसलिए इस तरकीब से तस्कर मालामाल हो रहे है ।वही स्रोत की माने तो इस कार्य मे लगी सीमावर्ती इलाकों की महिला पुरुष एक ब्यक्ति दिन में कम से कम दस खेप जोगबनी से विराटनगर चावल के बोडी में चीनी को पहुचता है।
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