तस्वीर शिख हेरिटेज ऑफ़ नेपाल से
काठमांडू (AIJC)
नेपाल के 'ट्रांसपोर्ट पायोनियर' सरदार प्रीतम सिंह द्वारा 87 वर्ष की उम्र में भी कोरोना को मात दी गई है।
नेपाल में पहली बार 3 ट्रकों को लाकर ट्रांसपोर्ट की नींव रखने वाले सरदार जी को 'ट्रांसपोर्ट पायनियर' उपनाम दिया गया है।
सं 1957 में 22 वर्ष की उम्र में प्रीतम सिंह जम्मू से अपने पिता के साथ ट्रक द्वारा काठमांडू आये थे। इन लोगों द्वारा लाया गया ये ट्रक ही नेपाल में प्रविष्ट होने वाला पहला ट्रक था। माना जाता है कि उस समय से ही नेपाल में सार्वजनिक ढुवानी का काम आरम्भ हुआ था।
उस समय नेपाल आए सरदार साहब से तत्कालीन राजा महेंद्र ने यही रहने का आग्रह किया था। राजा महेंद्र ने सिंह पिता तथा पुत्र को अपने साथ लाये ट्रक को यही चलाकर नेपाल में ट्रांसपोर्ट लाइन की स्थापना में मदद करने का आग्रह भी किया था। भारतीय दूतावास से प्रकाशित 'शिख हेरिटेज ऑफ़ नेपाल' नामक पुस्तक में उल्लेख है।
87 वर्षीय प्रीतम सिंह कोरोना संक्रमित होकर थापाथलि स्थित नॉर्विक अस्पताल में उपचाररत थे। 22 दिनों के लम्बे उपचार के बाद उन्होंने कोरोना पर विजय पाई है।
उनके पारिवारिक स्रोत के अनुसार अभी उनकी हालत सामान्य है।
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