महिला विकास निगम द्वारा मनोज फाउंडेशन को जनवरी में सुपौल जिला में जागरूकता अभियान चलाने का दिया था आदेश! विभागके पास पूरी राशि शेष!!
सुपौल (राज टाइम्स)।
सरकार के जन कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने वाले कलाकार इन दिनों आर्थिक
परेशानियों से जूझ रहे हैं। मामला सुपौल जिले का है जहाँ राज्य सरकार के महिला
विकास निगम के आदेश पर बीते फरवरी माह में कलाकारों द्वारा बाल विवाह एवं दहेज
प्रथा उन्मूलन, कन्या
उत्थान योजना तथा महिलाओं से संबंधित विभिन्न विषयों पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से
जागरूकता अभियान चलाया। लेकिन अपने मेहनताने के लिए कलाकारों को दर-दर की ठोकरें
खानी पड़ रही हैं। कलाकारों ने सूबे के कला संस्कृति युवा विभाग के मंत्री को पत्र
लिखकर मेहनताना भुगतान की दिशा में पहल का अनुरोध किया है।
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फोटो- मजदूरी की राशि के लिए दर दर भटकने को मजबूर कलाकार |
सरकारी भुगतान- क्या है हकीकत, क्या है फसाना
सुपौल जिला टीम लीडर इंदल कुमार ने मंत्री को
भेजे आवेदन में कहा है कि महिला विकास निगम के कार्यालय आदेश संख्या 1793 के आलोक
में मनोज फाउंडेशन को सुपौल जिले के 60 पंचायतों में 181 कार्यक्रम का आदेश जनवरी
में प्राप्त हुआ था। जिसके बाद संस्था से जुड़े कलाकारों ने जनवरी-फरवरी माह में
181 जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम चलाया। लेकिन इन कार्यक्रमों के एवज में संस्था को
अब तक राशि का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है। इंदल के अनुसार कोरोना संकट की वजह से
कलाकारों का सामान्य कामकाज भी प्रभावित है। ऐसे में उनके समक्ष आर्थिक संकट
उत्पन्न हो गया है। उन्होंने मंत्री से कलाकारों की परेशानी को देखते हुए जल्द से
जल्द भुगतान की दिशा में पहल का अनुरोध किया है।
गौरतलब है कि बाल विवाह
एवं दहेज प्रथा उन्मूलन, महिला सशक्तिकरण, जल जीवन हरियाली अभियान जैसे कार्यक्रम सरकार की प्राथमिकता सूची में शामिल
हैं। यही कारण है कि बीते दिनों सरकार ने इस को लेकर विभिन्न स्तरों पर जागरूकता
कार्यक्रमों का आयोजन किया। लेकिन लोगों को जागरूक करने वाले कलाकार ही सरकारी
व्यवस्था से परेशान हैं। उन्हें कार्य समाप्ति के पन्द्रह दिनों के भीतर भुगतान दिए
जाने की बात बताई गयी थी पर छह माह बीत जाने के बाद भी उन्हें भुगतान प्राप्त नहीं
हुआ है। ऐसे में सरकारी योजनाओं की उपलब्धि बताने वाले कलाकार स्वयं सरकारी
व्यवस्था के शिकार हो रहे हैं। इस सम्बन्ध में मनोज फाउंडेशन के सचिव मनोज सिंह ने बताया कि उन्होंने 20 फरवरी को सारे कागजात विभाग को जमा करवा दिया था लेकिन उच्चाधिकारियों के स्थानान्तारण के कारण 15 दिनों मे होने वाला भुगतान अब तक नहीं हुआ है। कलाकारों
की निगाहें अब मंत्री की पहल पर टिकी हैं। कलाकारों ने बताया कि इससे पूर्व
जिलाधिकारी से लेकर विभागीय सचिव तक गुहार लगा चुके हैं। लेकिन अधिकारी भुगतान को
लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
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