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बिहार/अररिया- कार्य समाप्ति तिथि के वर्षों बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य अधूरा

अररिया (राज टाइम्स)। बिहार विकास युवा मोर्चा के अध्यक्ष सह आरटीआई एक्टिविस्ट प्रसेनजीत कृष्ण ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को आवेदन देकर ग्रामीण कार्य विभाग प्रमंडल फारबिसगंज क्षेत्र अंतर्गत तीन अलग अलग संवेदक पर निर्माण कार्य पूर्ण नही किये जाने को लेकर शिकायत दर्ज कराया है।


शिकायत पत्र में बताया गया है कि ग्रामीण टोला सम्पर्क सात निश्चय योजना के तहत 1.9 लम्बी सड़क का निर्माण कार्य 06 मार्च 2019 से शुरु कर 06.03.2020 तक कार्य पूर्ण करने का निर्देश संवेदक को निविदा प्राप्त करते वक्त  दिया गया था। सड़क निर्माण तिनटोलिया कमलेश्वर यादव के घर से बलुआ रमेश यादव के घर तक पथ निर्माण संवेदक मुस्तफा आलम द्वारा किया जाना था। कार्य समाप्ति की तिथि को गुजरे 6 माह से अधिक हो गए है लेकिन अभी तक निर्माण कार्य 10% भी नही किया गया है। इसी तरह मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना के तहत फत्तेपुर बलुआ हाट नवल झा के घर से आदिवासी टोला वार्ड नम्बर 11 पिठौरा सिमा तक 4.7 किमी सड़क निर्माण कार्य जिसे जय बजरंगबली कंस्ट्रक्शन द्वारा 9.04.2018 से प्रारम्भ कर 09 अप्रैल 2019 को समाप्त किया जाना था।

 इस कार्य को पूर्ण करने की तिथि को गुजरे एक वर्ष से अधिक हो चुके हैं, लेकिन कार्य मे मिट्टी भराई के अलावा कुछ भी नही किया गया है। यह कार्य भी लगभग 10% नही हो पाया है। वही नरपतगंज प्रखंड के 17 नम्बर रोड पर स्थित प्रधानमंत्री पुल निर्माण योजना के तहत संवेदक- विद्यानंद गुप्ता द्वारा एक पुल का निर्माण कार्य पूर्ण  करने की तिथि के एक वर्ष बीत जाने के बाद भी पुल की वर्तमान स्थिति की कोई जानकारी या जमीन पर इस योजना का कोई भी कार्य नही दिख रहा है।

मोर्चाध्यक्ष प्रसेनजीत कृष्ण ने बताया कि ये तीनो योजना का कार्यकारी एजेंसी "ग्रामीण कार्य विभाग,कार्य प्रमंडल फारबिसगंज" है, ये सभी  बाढ़ग्रस्त क्षेत्र है। आज बाढ़ की स्थिति किस तरह विकराल रूप धारण कर चुकी है यह सबके सामने है। यदि ये सड़क/पुल ससमय बन गए होते तो शायद बाढ़ से बचने का कोई विकल्प भी मिलता और आम जनता को जरूर कुछ न कुछ राहत मिलता। लेकिन संवेदक को किसी तरह जोड़ तोड़ कर योजना प्राप्त कर लेने भर से सिर्फ मतलब है, बांकी कार्य पूर्ण हो अथवा नही हो  इससे संवेदक को कोई लेना देना नही है।  विभाग के द्वारा समय समय पर जांच प्रतिवेदन समर्पित नही करने के वजह से इस तरह की अनियमितता होने की मूल वजह आवेदन में बताया गया है। कृष्ण ने कहा है कि समय पूर्ण होने के एक साल बाद भी सिर्फ 10% कार्य करने वाले इन तीनो  संवेदक को काली सूची में डाल दिया जाय और योजना के लिए संवेदक को भुगतान की गई राशि का ब्याज सहित रिकवरी किया जाय। इस तरह के संवेदक कार्य करने में सक्षम नही होने के बावजूद भी रिश्वत परोसकर योजना ले लेता है और फिर योजना की यही गत होती। यह सरकारी राजस्व की क्षति का भी मामला है। प्रसेनजीत कृष्ण ने मांग किया है कि इन तीनो योजना की जांच कर संवेदक को काली सूचि में डालकर आवश्कयता अनुसार कार्यवाही किया जाय।


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