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बिहार/सुपौल:- अन्य वर्षों से अलग रहेगी इस साल की बकरीद- इमाम जमशेद अशरफ फातमी

सिकंदर आलम/ राघोपुर (राज टाइम्स)। बकरीद (ईद उल अजहा) मुस्लिम धर्मवलंबियो के मुख्य त्योहारों में से एक है। इस साल बकरीद 1 अगस्त को मनाया जाएगा। ईद के बाद बकरीद पर भी कोरोना वायरस का साया पड़ रहा है। वहीं वजह है कि इस साल का बकरीद थोड़ा अलग रहेगा।

फोटो-इमाम जमशेद अशरफ फातमी
दरअसल सूबे में 16 से 31 जुलाई तक लॉकडाउन है इसके चलते बकरा बाजार नहीं सज सका। ऐसे में लोगों को बकरा खरीदने के लिए बकरी पालन करने वाले लोगों के घरों पर जाकर बकरा की खरीदारी करना पड़ा। हालाँकि कई लोगों ने लॉकडाउन रहने के कारण कुर्बानी नही करने का भी मन बना लिए है। साथ ही लोग इस बात से चिंतित नजर आ रहे है कि जिस कदर कोरोनो मरीज की संख्या में इजाफा हो रहा है। कहीं लॉकडाउन की समय सीमा 31 जुलाई से आगे बढ़ी तो लोग ईद के तरह बकरीद का नमाज भी घर पर ही पढ़ने को मजबूर हो जाएंगे। वैसे तो नियम है कि ईद एवं बकरीद की नमाज सामूहिक रूप से अदा की जाय। लेकिन हालात को देखते हुए मुस्लिम धर्मगुरुओ ने अपील किया है कि कोरोना सक्रमण का खतरा बना हुआ है इस वजह सरकार के निर्देश का पालन करते हुए बकरीद पर्व पर सभी तरह के एहतियात बरतने होंगे। सम्पन्न मुस्लिम बकरीद पर जानवर का कुर्बानी करते और गरीबो के बीच पैसा बांटकर अल्लाह की इबादत करते है। फिरदौस जामा मस्जिद सिमराही के इमाम जमशेद असरफ फातमी ने बताया कि लागू लॉकडाउन के कारण मस्जिद में सामूहिक नमाज अदा नही की जाती है। अगर लॉकडाउन का अबधि बढ़ता है तो इस बार सामूहिक रूप से बकरीद की नमाज भी अदा नही हो सकेगा।

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