अररिया
(बिहार) लॉकडॉन के कारण जहां प्राइवेट स्कूलों में पठन-पाठन ठप है तो वहीं कार्यरत
कर्मियों के समक्ष भी जीवन यापन की समस्या खड़ी हो गई है। विद्यालयों में कार्यरत
कर्मियों को लगभग दो माह से वेतन नहीं मिला जिस कारण परिवार का भरण पोषण कर पाना
अब इन लोगों के लिए कठिन साबित हो रहा है। प्राइवेट विद्यालयों में काम करने वाले
कर्मियों को विद्यालयों में छात्रों से आने वाले मासिक आय से प्रबंधको द्वारा वेतन
दिया जाता है लेकिन विद्यालय बंद रहने के कारण विद्यालयों में कार्य करने वाले
शिक्षकों को वेतन का भुगतान स्कूल संचालकों के द्वारा नहीं किया गया। वेतन नहीं
मिलने से शिक्षकों व इनके बच्चों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न
हो गई है ।
प्राइवेट
स्कूलों के संचालकों के द्वारा सरकार को पत्र भेजकर मांग किया है कि विद्यालयों को
मिलने वाले
25 प्रतिशत सहायता राशि का भुगतान अविलंब किया जाए ताकि शिक्षकों का भरण पोषण किया जा सके। वही कई विद्यालय किराए के मकान में भी
चलते हैं जिसका भुगतान कर पाना अब स्कूल संचालकों के लिए परेशानी बन रहा है। मकान
मालिक किराया भुगतान के लिए स्कूल संचालकों पर दबाब बना रहे है जिस कारण कई स्कूल
तो बंदी के कगार पर आ गया है। स्कूल बंद होने से सैकड़ो बच्चो के भविष्य के साथ
खिलवाड़ भी होगा।
निजी
विद्यालय शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष सूर्य नारायण गुप्ता ने कहा की प्राइवेट स्कूल संचालक
सरकार के हर आदेश का पालन कर रही है। लेकिन जहां सरकार हर किसी को कुछ ना कुछ
उदारता पूर्वक सहयोग कर रही है तो वहीं प्राइवेट स्कूलों में काम करने वाले
शिक्षकों के लिए अब तक सरकार के द्वारा किसी प्रकार का
ठोस पहल नहीं किया गया है।
राजकुमार
भारद्वाज राज्य प्रतिनिधि निजी विद्यालय संघ अररिया ने कहा कि जहां सरकार की ओर से
सभी तरह के कामगारों के लिए कुछ ना कुछ व्यवस्था किया गया है वहीं प्राइवेट
स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों के
लिए भी व्यवस्था होनी चाहिए। प्राइवेट शिक्षक अब बेरोजगार होने के साथ-साथ भुखमरी
के भी कगार पर आ गए हैं । श्री गुप्ता ने कहा कि शिक्षकों के सभी मामलों को लेकर
बिहार पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले एक दिवसीय अनशन
कार्यक्रम जिला
मुख्यालय में गुरुवार को किया जाएगा ।
रिपोर्ट:-
रंजीत ठाकुर

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