पटना : आम आदमी पार्टी (आप) ने विभिन्न राज्यों से आ रहे बिहारी प्रवासी मजदूरों की सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौत का आंकड़ा प्रस्तुत करने तथा उनके परिवारों को मुआवजा क्या दिया जा रहा है, उसे सार्वजनिक करने की मांग की है ।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह ने एक बयान जारी कर नीतीश सरकार से सवाल पूछा है की लाखों बिहारी मजदूर विभिन्न राज्यों से वापस घर लौट रहे हैं, उनमें से कई मजदूरों की सड़क हादसे में मौत हो गई, जिसका सही-सही आंकड़ा बिहार सरकार पेश नहीं कर रही है और ना ही उनके परिवारों को क्या मुआवजा दिया जा रहा है, उसे भी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है । उन्होंने मांग की कि नीतीश सरकार मृतकों के सही सही आंकड़े प्रस्तुत करें और बतौर मुआवजा उनके परिवारों को 10-10 लाख रुपए दें । उन्होंने कहा कि हमारे पास विभिन्न राज्यों से खबरें आई है, उसने करीब 40 से ऊपर बिहार के विभिन्न जिलों के मजदूरों की सड़क हादसे में मौत हो गई है और करीब 100 से ऊपर घायल हुए हैं ।
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार इसी महीने 16 मई को लखनऊ एक्सप्रेसवे पर उन्नाव के पास बिहारी मजदूर दंपति की मौत हो गई है । इसके अलावा 14 मई को मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) में पैदल जा रहे छह प्रवासी मजदूरों को यूपी रोडवेज की बस ने कुचल दिया था, ये लोग पंजाब से गोपालगंज जा रहे थे । इसी प्रकार 16 मई को औरैया (उत्तर प्रदेश) में बाराचट्टी (गया) के 2 मजदूर मारे गए । 19 मई को भागलपुर में ट्रक और बस की भिड़ंत में बेतिया, मोतिहारी और बांका के करीब 9 मजदूरों की मौत हो गई और कई घायल हो गए । उन्होंने बताया कि 18 मई को समस्तीपुर के उजियारपुर में कटिहार जा रही बस ट्रक भिड़ंत में सीमांचल के दो मजदूरों की मौत हो गई । उन्होंने कहा कि क्या यह सभी आंकड़े नीतीश सरकार के पास है । अगर हैं तो उन मृतकों के आंकड़ों को सार्वजनिक करते हुए उनके परिवारों को 10-10 लाख मुआवजा दिया जाए और घायलों को 2-2 लाख दिए जाएं । उन्होंने कहा कि मृतकों के कई परिवारों में अब कमाने - खाने वाले नही बचे हैं । इसके अलावा कई घरों में उनके बेटियों या बहनों की शादी होनी है । इस दिशा में सरकार को आगे आकर मदद करनी चाहिए ।
रिपोर्ट- धीरज झा
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह ने एक बयान जारी कर नीतीश सरकार से सवाल पूछा है की लाखों बिहारी मजदूर विभिन्न राज्यों से वापस घर लौट रहे हैं, उनमें से कई मजदूरों की सड़क हादसे में मौत हो गई, जिसका सही-सही आंकड़ा बिहार सरकार पेश नहीं कर रही है और ना ही उनके परिवारों को क्या मुआवजा दिया जा रहा है, उसे भी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है । उन्होंने मांग की कि नीतीश सरकार मृतकों के सही सही आंकड़े प्रस्तुत करें और बतौर मुआवजा उनके परिवारों को 10-10 लाख रुपए दें । उन्होंने कहा कि हमारे पास विभिन्न राज्यों से खबरें आई है, उसने करीब 40 से ऊपर बिहार के विभिन्न जिलों के मजदूरों की सड़क हादसे में मौत हो गई है और करीब 100 से ऊपर घायल हुए हैं ।
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार इसी महीने 16 मई को लखनऊ एक्सप्रेसवे पर उन्नाव के पास बिहारी मजदूर दंपति की मौत हो गई है । इसके अलावा 14 मई को मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) में पैदल जा रहे छह प्रवासी मजदूरों को यूपी रोडवेज की बस ने कुचल दिया था, ये लोग पंजाब से गोपालगंज जा रहे थे । इसी प्रकार 16 मई को औरैया (उत्तर प्रदेश) में बाराचट्टी (गया) के 2 मजदूर मारे गए । 19 मई को भागलपुर में ट्रक और बस की भिड़ंत में बेतिया, मोतिहारी और बांका के करीब 9 मजदूरों की मौत हो गई और कई घायल हो गए । उन्होंने बताया कि 18 मई को समस्तीपुर के उजियारपुर में कटिहार जा रही बस ट्रक भिड़ंत में सीमांचल के दो मजदूरों की मौत हो गई । उन्होंने कहा कि क्या यह सभी आंकड़े नीतीश सरकार के पास है । अगर हैं तो उन मृतकों के आंकड़ों को सार्वजनिक करते हुए उनके परिवारों को 10-10 लाख मुआवजा दिया जाए और घायलों को 2-2 लाख दिए जाएं । उन्होंने कहा कि मृतकों के कई परिवारों में अब कमाने - खाने वाले नही बचे हैं । इसके अलावा कई घरों में उनके बेटियों या बहनों की शादी होनी है । इस दिशा में सरकार को आगे आकर मदद करनी चाहिए ।
रिपोर्ट- धीरज झा
कोई टिप्पणी नहीं