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बिहार/सुपौल - नवोदय विद्यालय के माइग्रेट बच्चे आज अपने घर की ओर निकले

  • लॉकडाउन के कारण पिछले डेढ़ माह से रूके थे नवोदय में

सुपौल (राज टाइम्स). सोमवार का दिन सुपौल (बिहार) और ढेकानाल (ओडिशा) नवोदय विद्यालय के छात्र छात्राओं के लिए काफी ख़ास रहा जब करीब डेढ़ माह के लॉकडाउन के बाद उन्हें घर जाने का मौक़ा मिला। बताते चले नवोदय विद्यालय में माइग्रेशन की प्रक्रिया है जिसमे एक नवोदय विद्यालय से कुछ छात्र छात्राओं को दुसरे राज्य के नवोदय विद्यालय में पढ़ने भेजा जाता है। लॉकडाउन के कारण सुपौल के सभी माइग्रेट बच्चे ओडिशा के ढेकानाल नवोदय विद्यालय में और ढेकानाल (ओडिशा) के सभी माइग्रेट बच्चे सुपौल (बिहार) के नवोदय विद्यालय में फंसे हुए थे।

फोटो- जनवि, सुपौल में ढेंकानाल (ओड़िशा) के फंसे छात्र-छात्राएं 
ओड़िशा के सभी 22 छात्र -छात्राओं को आज 4 मई की सुबह 5 बजे बस के द्वारा रांची के लिए रवाना किया गया। जाने से पूर्व विद्यालय में सभी छात्र छात्राओं का मेडिकल चेकअप भी हुआ और प्रशासन से पास बनवाने के उपरांत आज सुबह उन सभी को जाने की अनुमति मिली। सभी छात्र छात्राओं के साथ में मार्गदर्शक के रूप में रामनरेश सर (पीजीटी गणित) और पदमिनी मैम (नर्स) गई। नवोदय विद्यालय के प्राचार्य सुरेन्द्र प्रसाद ने बताया कि सभी बच्चे रांची तक जायेंगे। ओडिशा से रांची में सुपौल वाले बच्चे भी आ रहे है फिर सुपौल की बस सुपौल वाले बच्चो को लेकर आ जाएगी और ओड़िशा वाले बच्चे ओड़िशा चले जाएंगे।
फोटो- जनवि, ढेंकानाल (ओड़िशा) में सुपौल के फंसे छात्र-छात्राएं 
बताते चलें कि नवोदय विद्यालय में 21 मार्च 2020 से छुट्टी हो चुकी थी, ओड़िशा के छात्र छात्राए पिछले डेढ़ माह से कई बार प्रशासन से मदद की गुहार लगा चुके थे। लेकिन लॉक डाउन के कारण उनका पास नहीं बन पा रहा था। प्राचार्य महोदय के अथक प्रयास से बच्चों के जाने की व्यवस्था हुई। बच्चों को उनके घर ओड़िसा भेजने में जिलाधिकारी महेंद्र कुमार का काफी सहयोग मिला।
फोटो- सुपौल से वापस अपने घर जाने से पूर्व  छात्र-छात्राएं 



रिपोर्ट - आदित्यराज 

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