इन्टरनेशनल डेस्क (राज टाइम्स)।
नेपाल के प्रदेश संख्या एक अंतर्गत मोरंग एवं सुनसरी
जिले के विभिन्न ईट भट्टा में कार्यरत करीब 20 हजार भारतीय मजदूर लॉक डाउन के कारण घर वापस नही हो सके
है। मिली जानकारी के अनुसार मोरंग एवं सुनसरी के ईट उद्योग में तकरीबन 20 हजार मजदूर के कार्यरत है जो वापस भारत जाने के इंतजार में
है। हालांकि इन्हें वापस भेजेने के लिये प्रदेश सरकार, काठमांडू स्थित भारतीय
दूतावास को जानकरी कराने की बात महीनों पहले ईट उद्योगी तथा उद्योग संगठन मोरंग के
अध्यक्ष भीम घिमिरे ने कही थी लेकिन मजदूरों की स्थिति जस की तस है।
वहीं मोरंग जिले के
कटहरी स्थित आरती ईटा व टाइल्स उद्योग प्रा.लि में कार्यरत मजदूरों की समस्या काफी
गंभीर है। पश्चिम बंगाल से ईटा भट्टा में काम करने आये 22 बर्षीय समयुल मिया पिछले सात वर्षों से आरती ईटा व टाइल
उद्योग में हर वर्ष काम करने आते रहे है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के साथ ही उनका
लक भी डाउन हो गया है। बड़ी मुश्किल से गुजारा चल रहा है। कहीं से कोई भी आर्थिक
सहायता नहीं मिली है जिससे दैनिक जीवन यापन में भी काफी कठिनाई का सामना करना पड़
रहा है।
कई मजदूरों ने बताया कि कमाए
हुए सारे पैसा घर खर्च में खत्म हो गये अब दैनिकी गुजारा करना काफी मुश्किल है। पश्चिम बङ्गाल निवासी मिया अपने श्रीमती, पिता, भाई व एक बेटी के साथ उद्योग में ही किसी तरह गुजारा कर रहे
है। ऐसे सैकड़ो मजदूरों की स्थिति ऐसी ही है। पैसा खत्म होने काम बंद होने के कारण
मिया किसी भी तरह वापस भारत जाना चाहते है। ऐसी ही समस्या इस उद्योग में काम कर
रहे 243 मजदूरों की है। बता दे कि मोरंग सुनसरी जिले के ईटा उद्योग
में 20 हजार के करीब भारतीय मजदूर फंसे हुए हैं।
इस संबंध में भारत नेपाल
सामाजिक संस्कृति मंच के अध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि मामला संज्ञान में
है। मामले को लेकर अपने भातृ संस्था नेपाल भारत समाजिक संस्कृति मंच के महासचिव
अधिवक्ता पार्वती राजवंशी से आग्रह किया है कि ईट उद्योग संचालक से समन्वय करें और
ईट भट्ठा मजदूरों को वापस भेजने में क्या परेशानी है इस संबंध में आवश्यक पहल करे।





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