न्यूज डेस्क (राज टाइम्स)। इस्लाम धर्मावलम्बी
के महान पर्व रमजान शनिवार से शुरु हो रहा है। एक महीना तक चलने वाले इस रमजान मे इस्लाम
धर्म को मानने वाले लोग दिनभर निराहार रहते है। पत्रकार मेराज सिद्दीकी के अनुसार
रोजा रहने वाले अकिदतमंद सुबह 3 बजे से संध्या के 6 तक निराहार उपवास रहते है जिसे
रोजा कहा जाता है। रोजा के समय दैनिक सूर्य निकलने व अस्त होने के साथ ही समयतालिका परिवर्तन होते रहता है। अभी उर्दू कैलेंडर के अनुसार हिजरी संवत् 1440 चल रहा है। वही रमजान उर्दू कैलेण्डर का नौवा महीना होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रमजान
महीने में इस्लामिक पवित्र ग्रन्थ कुरान का अवतरण हुआ था। मुस्लिम धर्मावलम्बियों
को इस महीना में अल्लाह के कृतज्ञता प्राप्त होने का विश्वास है। दान देना, गरीब व दीन दुखियों की सेवा करना तथा जकात खैरात दान देने साथ ही यह महीना
बरकत व रहमतवाला महीना है। इस्लाम के अनुसार इस महीने की बड़ी विशेषता है। रमजान में
निराहार व्रत रखने वाले लोग आज संध्या में आकाश में चंद्रमा का दृष्यावलोकन करेंगे।
रमजान महीना अकिदतमंदो के लिये काफी
महत्वपूर्ण है। रमजान में मुस्लिम समुदाय के पाँच आधार स्तम्भ में है। त्याग,
तपस्या व बलिदान के साथ जुड़े इस आस्था के पर्व को काफी आस्था से
पूरा करता है। नाबालिग, बीमार को रोजा रखना कोई अनिवार्य नही
है। लेकिन जो लोग स्वास्थ्य है और रमजान मे उपवास कर सकते है तो उसे रोजा रखना
चाहिए।


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