Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Breaking News

latest

अररिया- सरकार पर भारी कृषि अधिकारी

अररिया में पुलिसकर्मी से उठक बैठक कराने वाले कृषि अधिकारी को मिली पद्दोन्नति 

अररिया (राज टाइम्स)||


  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लाख सुशासन का दावा कर ले लेकिन कई बार जमीनी स्तर पर ऐसा आम लोग अनुभूति नही कर पाते हैं। इसका ताजा उदाहरण अररिया में देखने को मिला जहाँ चौकीदार को सरेआम उठक बैठक कराने वाले कृषि पदाधिकारी को सजा देने बदले पद्दोन्नति दी गई। मीडिया में बड़े बड़े दावे करने वाली नीतीश सरकार एक कृषि अधिकारी के आगे बौनी साबित हुई। अररिया में उक्त कृषि पदाधिकारी के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया था और जाँच के दौरान उसे दोषी भी पाया गया था। लेकिन अधिकारी के रसूख के आगे सुशासन सरकार की एक न चली। ऐसे में बड़ा सवाल क्या आम आदमी निष्पक्ष रूप से न्याय की आस लगा सकते है। आपको बताते चले कि चौकीदार से उठक बैठक का वीडियो वायरल होने पर सबसे पहले "राज टाइम्स" ने डीजीपी को मामले की जानकारी देते हुए खबर चलाया था। वीडियो में दिख रहा दरोगा तो निलंबित हो गया लेकिन अधिकारी पर करवाई के दावे मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक के चुनावी सभा मे दी गयी भाषण ही साबित हुई। कार्रवाई के बदले नीतीश सरकार ने आरोपी अधिकारी मनोज कुमार को पुरस्कृत ही कर दिया है। सरकार ने जिला कृषि पदाधिकारी से हटाकर कृषि विभाग में उप निदेशक बना दिया है। ऐसे में सवाल उठता है क्या बिहार सरकार को बेलगाम अधिकारी चलाते है या फिर बेलगाम अधिकारी के सामने पूरी सरकार ने घुटने टेक दिये हैं?

शनिवार की देर शाम सरकार ने निकाली अधिसूचना


शनिवार की देर शाम नीतीश सरकार ने अधिसूचना निकाली जिसमे गंभीर आरोपों में घिरे अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार को पुरस्कृत कर दिया गया। मनोज कुमार को अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी पद से हटाकर कृषि विभाग में उप निदेशक बनाया गया। सरकार ने किशनगंज के जिला कृषि पदाधिकारी संतलाल प्रसाद साह को अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी का चार्ज दे दिया है।
अररिया से चौकीदार की वीडियो वायरल होने पर  पूरे देश में हंगामा मच गया था। एक्शन में  बिहार डीजीपी ने चौकीदार से बात कर न्याय का भरोसा दिलाया था। वहां मौजूद पुलिस पदाधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया लेकिन सारे मामले के मुख्य आरोपी जिला कृषि पदाधिकारी का कुछ नहीं बिगाड़ पाया।
राजनीति हलकों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा भी इस मामले का संज्ञान में लेने का दावा किया जाता रहा। कहा गया कि मामले की जांच का आदेश दिया है। लेकिन कृषि पदाधिकारी ने सभी जाँच को ठेंगा दिखाते हुए सुशासन सरकार की भी पोल खोल दी।

कोई टिप्पणी नहीं