अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद डे पर सेमिनार का आयोजन।
गंगा जमुनी तहजीब के प्रतीक के रूप में थी सर सैयद की पहचान।
अररिया ,साजिद आलम(राज टाइम्स)
महान चिंतक, शिक्षाविद और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की 204 वीं जयंती अररिया में काफी धूमधाम से मनाई गई।अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ओल्ड ब्वॉय एलुमनी चेप्टर अररिया के सौजन्य से आयोजित सर सैयद जयंती समारोह अररिया स्थित रोज वैली स्कूल में आयोजित हुआ। सर सैयद अहमद खान की 204 वीं जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में किंग फहद हॉस्पिटल सऊदी अरब के चिकित्सा पदाधिकारी डा मु मूसा अली शामिल हुए । जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला शिक्षा पदाधिकारी राज कुमार मौजूद थे ।सेमिनार की शुरुआत तिलावते कलाम पाक से हुआ । रोज वैली स्कूल की बच्चियों द्वारा अतिथियों को बुके देकर सम्मानित किया गया।स्वागत भाषण डा रेहान मोजिब ने दिया। उद्घाटन भाषण देते हुए युवा अधिवक्ता जेड ए मोजाहिद ने कहा कि सर सैयद अहमद खान आधुनिक शिक्षा व सद्भावना के मजबूत सतंभ रहे है।एएमयू अलीगढ़ आपसी प्रेम ,सद्भाव और गंगा जमुनी तहजीब का हमेशा से केंद्र रहा है।मौके पर विशिष्ट अतिथि डीईओ राजकुमार ने कहा कि सर सैयद अहमद खान दीनी शिक्षा के साथ साथ आधुनिक व तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एएमयू की स्थापना की थी।उन्होंने कहा कि सर सैयद अहमद आपसी सद्भाव और हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक थे । मुख्य अतिथि डा मु मूसा अली ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि आज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की पूरी दुनिया मे अलग पहचान है।उन्होंने कहा सर सैयद अहमद ने कहा था कि हम अपने बच्चों को आसमान की बुलंदियों पर देखना चाहते हैं। अरशद अनवर ने कहा कि सर सैयद अहमद ने कहा था हमारा देश एक खूबसूरत दुल्हन की तरह है। अगर दुल्हन का एक आंख खराब हो हो जाए तो दुल्हन बदसूरत दिखेगी । वैसे ही इस देश मे हिन्दू मुस्लिम दुल्हन की दो खूबसूरत आंख की तरह है। मौके पर स्कूली बच्चों ने अलीगढ़ का तराना और राष्ट्रगान पेश किया ।कार्यक्रम के संयोजक द्वारा अतिथियों को सर सैयद का पोट्रेट देकर सम्मानित किया । मौके पर एलपी नायक ,मु ताहा ,जुनून मिश्री ,डा गुलाम सरवर ,डा अली हैदर ,परवेज़ आलम मुखिया ,इंजीनियर सरवर आलम ने भी सेमिनार को संबोधित किया।मंच संचालन मुशब्बिर आलम व जकी अहमद ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन स्कूल की मैनेजिंग डायरेक्टर ज़रफी परवीन ने किया।
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