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बिहार- कोरोना संक्रमण काल में चुनाव बिषय पर संगोष्ठी का आयोजन,

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के मुद्दे पर "एक्शन फार एकाउंटेबल गवर्नेस" की ओर से वेबिनार का आयोजन


पटना (राज टाइम्स)।  बिहार में विधानसभा चुनाव के सवाल पर -"एक्शन फार एकाउंटेबल गवर्नेस" एवं प्रदेश के अनेक स्वयं सेवी संस्थाओं के  तत्वावधान में  "कोरोना के संक्रमण काल में चुनाव "  बिषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी के पहले वक्ता  प्रेम कुमार वर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना काल में चुनाव आत्मघाती कदम साबित होगा । उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के प्रथम देशों की कतार में शामिल होने की दिशा में आगे बढ रहा है। टेस्ट कम हो रहे हैं ताकि सरकार अपनी कमियों को छुपाने में कामयाब हो जाऐ। बिहार में लगभग 20 डाक्टर मर गए वहीं डाक्टरों का 60 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। 450 से अधिक लोगों की मौतें हो गई है वहीं 83 हजार से अधिक मामले कोरोना पाजिटिव के आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात है कि 72 प्रतिशत मामले छोटे शहरों से हैं जहाँ स्थिति अत्यंत ही खराब है । ऐसे वक्त में 7 करोड़ मतदाताओं को वोटिंग के लिए लाइन में खड़े कर देना  निर्दयता पूर्ण काम होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका और हमारे देश की गरीबी, शिक्षा, आधार भूत संरचना आदि में अन्तर है इसलिए इस संबंध में दोनों की तुलना व्यवहारिक नहीं है।

पूर्व आईपीएस अधिकारी राम जगराम ने कहा कि जब बड़े लोगों को कोई देखने वाला नहीं है तो गरीबों को कौन पूछता है?  उन्होंने बाढ़ के साथ ही कोरोना संकट काल में चुनाव की बात लोकतंत्र के अवधारणाओं के विरुद्ध  बताया। प्रो पृथ्वीराज सिंह ने कहा कि कोरोना काल में चुनाव में जनता की संपूर्ण सहभागिता संभव ही नहीं है । पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता प्रभाकर कुमार ने कहा कि जब जनता ही नहीं रहेगी तो चुनाव किसके लिए होगा?  जनता एवं  प्रदेश हित में चुनाव टालने की जरूरत है।
सामाजिक कार्यकर्ता एवं साबरी के संस्थापक संजीव कुमार ने कहा कि संवैधानिक एवं व्यवहारिक दोनों पक्षों पर गौर करने की जरूरत है । उन्होंने कहा कि जनता के हितों को लेकर सबसे पहले सोचने की जरूरत  है। अंजन कुमार ने सामाजिक संस्थाओं को आगे आने के लिए आह्वान किया। नीरज कुमार ने न्यायालय के हस्तक्षेप पर बल प्रदान किया। सामाजिक कार्यकर्ता गजेन्द सिंह ने कार्ययोजना बनाए जाने पर जोर दिया।
प्राध्यापिका रेणु ठाकुर ने कहा कि महामारी से बचने के उपायों पर सोचने की जरूरत है जो कि नहीं हो रहा है । सामाजिक कार्यकर्ता लालमोहन राय ने कहा कि सत्ता में बने रहने के लिए जनता के हितों की अनदेखी अन्याय है। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान चुनाव पर ही है। महामारी से बचने को लेकर कोई सार्थक प्रयास नहीं हो पा रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता उषा शर्मा ने हस्ताक्षर अभियान तथा न्यायालय के हस्तक्षेप द्वारा सरकार के उपर दबाव बनाने की बात की ।
इस संगोष्ठी को सामाजिक कार्यकर्ता विनय कुमार ने संचालन किया। स्वागत संस्थापक सदस्य देवेन्द्र सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सामाजिक कार्यकर्ता मिथिलेश कुमार ने किया। इस संगोष्ठी में रंजन कुमार अमृत निधि (पटना), सुनील कुमार (जहानाबाद), संजीव कुमार सिंह एवं अमरदीप सिंह (लक्खीसराय), कुशमेद कुमार (बेगूसराय), उपेन्द सिंह ( सुल्तानगंज), गुजन सिंह (जमुई) एवं शशांक राज (सुपौल), अनिल कुमार ( वैशाली) रघुनन्दन प्रसाद (पुनपुन) उपस्थित थे।
वही बराबर फाउंडेशन, साबरी, बिहार चाइल्ड राइट्स फोरम,आशियान जर्नलिस्ट्स काउंसिल, सामाजिक चेतना विकास संस्थान ने अपनी भागीदारी  दर्ज करते हुए सहमति प्रदान की।

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