![]() |
फाईल फोटो |
अररिया (राज टाइम्स)। लॉकडाउन की शुरूआत से लेकर अभी तक सबसे ज्यादा
भुखमरी का दंश झेलने वाले बंजारा नट बेदिया समाज की ओर न तो अब तक सरकार की नजरें
पड़ी और ना ही कहीं के प्रशासन की दया उनपर छलकी है और ना ही सामाजिक सेवा में लगी
किसी समाजसेवी संगठन को इस खानाबदोशी की जिंदगी जीने वाले सबसे उपेक्षित इस समाज
की सुधि लेने में कोई दिलचस्पी रही। उक्त बातें “सम्भावना वेलफेयर सोसायटी” के सचिव अधिवक्ता कलाम ने कहा।
![]() |
फाईल फोटो |
उन्होंने कहा कि किसी को भी बंजारा नट बेदिया समाज
की कोई चिंता नहीं है। लिहाजा, नगर नगर गाँव गाँव घूम
कर सांप, बन्दर, भालू के खेल दिखाने
वाले या भीड़ भाड़ के बीच चौक चौराहे पर सर्कस जैसे हैरतअंगेज कारनामें दिखाकर दो
जून की रोटी का जुगाड़ करने वाले नट बंजारा बेदिया समाज के समक्ष भुखमरी की स्थिति
उत्पन्न है।
हालाँकि प्रथम लॉकडाउन के दौरान अररिया जिला
मुख्यालय में न्यायाधीशों के द्वारा किये जाने वाले राहत कार्यों के दौरान इन
बंजारों को भी लाभ मिला था और बंजारों के तम्बुओं के पास जाकर बंजारों को
न्यायाधीशों के द्वारा प्रदान किये गए राहत सामग्री (भोजन पैकेट) की चहुओर सराहना
की गयी थी।
इसके अतिरिक्त, यही
बंजारे जब अपना खेल तमाशा दिखा कर परिवार के भरण पोषण की व्यवस्था करने के चक्कर
में अररिया जिले से सटे पड़ोसी देश नेपाल में लॉकबन्दी के दौरान फंस गए थे तो वहां
नेपाल में इनकी दयनीय स्थिति पर तरस खाकर विराटनगर महानगरपालिका के मेयर भीम
पराजुली के आदेश से उन बंजारों को विराटनगर शम्भूनाथ मन्दिर के समीप टेन्ट लगाकर
रखा गया और उनके भोजन की व्यवस्था बहाल कर दी गयी थी।
जिस बिहार में सरकार की ओर से बारम्बार समाज
के सबसे निचले पायदान पर खड़े उपेक्षित समाज की सहायता की बातें कही जाती रही है, उस बिहार में इस लॉक डाउन के दौरान नट जाति के सपेरे बंजारे बेदिया समाज
की पेट की दहकती आग को बुझाने की ललक किसी स्तर से दिखाई नहीं दी है। लेकिन अररिया
में ही प्रथम लॉकबन्दी के दौरान जिस तरह से न्याय के देवताओं की नजर एक बार इस
उपेक्षित समाज पर पड़ गयी थीं, ठीक उसी प्रकार अररिया और
फारबिसगंज में वकालत करने वाले एक सहृदय अधिवक्ता और ” सम्भावना
” वेलफेयर सोसायटी फारबिसगंज के सचिव मोहम्मद कलाम की नजर
बंजारा समाज पर पड़ गई।
ताजातरीन खबरों के अनुसार फारबिसगंज के
खबासपुर, भागकोहलिया, रामपुर उत्तर एवं फेना बेलाही
के लगभग 150 बंजारों के परिवारों के बीच “सम्भावना वेलफेयर सोसायटी” फारबिसगंज के सचिव सह अधिवक्ता मोहम्मद कलाम ने पर्याप्त राशन सामग्री का
वितरण किया ।
इस बात की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि
वह इस उपेक्षित अशिक्षित समाज को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की पहल ज़ोर शोर से
प्रारंभ किया हैं और इसी क्रम में लॉकबन्दी के दौरान उनकी बदहाली देख उनमें राहत
सामग्री वितरण के कार्य किये गए हैं।
कोई टिप्पणी नहीं