मुख्य डेस्क (राज टाइम्स)
अररिया जिले में कोविड 19 को लेकर जहाँ प्रशासन चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था का दावा कर रही है वही इन सबके बीच खनन माफिया के द्वारा जोगबनी थाना क्षेत्र अंतर्गत वार्ड न० सात स्थित रिंग बांध के निकट से खनन माफिया के द्वारा अवैध खनन का कार्य ब्यापक पैमाने पर जारी है। अवैध खनन करने वाले लोगों को ना तो प्रशाशन का ख़ौफ़ है न ही भौगोलिक खतरे का डर। बिना किसी भय के प्रतिदिन जेसीबी मशीन लगाकर हजारों ट्रेक्टर बालू खनन किया जा रहा है। इस संबंध में खनन विभाग को कोई भी सूचना देने पर टाल मटोल वाला रवैया अपनाया जाता है। सूचना देने पर करवाई तो दूर की बात है अधिकारी निरीक्षण करने भी नही पहुचते।
ज्ञात
हो कि 2017 में आये प्रलयंकारी बाढ़ में खनन किये जा रहे तीन चार स्थानों पर बांध
टूटने से मैदानी इलाकों में बाढ़ के पानी प्रवेश करने से काफी नुकसान हुआ था।
सर्वप्रथम अमौना के गाँव सहित बथनाहा,मटियारी व फॉरबिसगंज
को डूबोया था। बरसात के समय मे हिमालय से निकलने वाली पानी का दवाब परमान नदी में
बढ़ता है। जिस कारण इस स्थान बांध टूटने का आशंका बनी रहती है। बीते वर्ष नदी में
उफान होने पर तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी रवि प्रकाश के द्वारा निरीक्षण किया गया
था, जिसमे रिंग बांध के मरमत का भी जिक्र किया गया था। वही भवानीपुर, मीरगंज, दीपोल में भी
परमान नदी एवं तटबंध के निकट से खनन बेरोकटोक जारी है। कई स्थानों पर तो नदी व खेत
मे फर्क करना मुश्किल है जिससे इलाके में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जिससे नदी में
पानी का दवाब बढ़ा तो पानी का रुख बूढ़ी बांध पर होगा जिससे उक्त तटबंध टूटने कि
आशंका बनी रहती है। जबकि बांध के किनारे घनी आबादी है। रैयती भूमि में तीन फीट तक
मिट्टी खनन का प्रवधान है, लेकिन नियम को ताक पर रख मिट्टी कि कटाई खुलेआम की जा
रही है ।
बरसात
का मौसम सामने है, यदि समय रखते उक्त खनन को नही रोका गया तो आने वाले समय मे
तटबन्ध के ध्वस्त होने से इनकार नही किया जा सकता है। तटबंध के ध्वस्त होने से घनी
आबादी बाढ़ के चपेट में आ जायेगी। स्वयं जिला पदाधिकारी के द्वारा बाढ़ पूर्व
तटबंधों को मजबूत करने व बाढ़ पूर्व तैयारी का जायजा लेने के बाद भी खनन माफिया को
किसी का डर नहीं है।
- मिट्टी भराई व बोल्डरिंग करने का दावा फेल, तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी कार्य नही हुआ पूरा
- ससमय तटबंध ऊँचीकरण नही हुआ तो आने वाले समय मे बीते 2017 त्रासदी की हो सकती है पुनरावृति
- जल संसाधन विभाग के अधिकारी तथा स्थानीय विधायक तक कई बार कर चुके है निरीक्षण
बीते
तीन वर्ष पूर्व स्थानीय विधायक विद्या सागर केशरी तथा तात्कालिक अनुमंडल पदाधिकारी
अनिल कुमार व अन्य अधिकारीयों के द्वारा
भी उक्त स्थानों का जायजा लिया गया था। इस दौरान भी लापरवाही की बात सामने आई थी।
जिसको लेकर विधायक ने ठेकेदार को काफी फटकार लगाई थी। कहा था कि तटबंध मरम्मती
कार्य मे किसी भी प्रकार की लापरवाही कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा। क्यों कि गत
वर्ष आई बाढ मे कई लोग आहत हुए तथा कई जाने भी गयी। मौके पर मौजूद अधिकारी ने भी मापदंड
के अनुरूप कार्य को शीघ्र करवाने को कहा था।
वर्ष
2017 मे ही मरम्मती कार्य करने, तटबंध को तीन फीट ऊँचा करने एवं जहाँ पानी का अधिक
दबाव होता हो वैसे स्थानों पर बोल्डरिंग करना था जो आज तक पुरा नही हो सका। सिर्फ
कटान वाले स्थानो को किसी तरह मिट्टी की भराई कर दिया गया ऊँचीकरण का कार्य आज तक अधूरा
ही रहा।
मीरगंज
से जोगबनी के लिये निर्माण हो रहे राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप विद्युत सब स्टेशन
से पश्चिम के तरफ बांध के समीप रोजाना सैकड़ो ट्रेक्टर मिट्टी की कटाई हो रही है। इस
पर जिले के किसी पदाधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा है। इस संबंध में जब जिला खनन
पदाधिकारी अनूप त्रिपाठी से पूछा गया तो उन्होंने इस संबंध में कुछ भी बोलने से
इनकार कर दिया। लेकिन क्या जबाब नहीं देने से होने वाले खतरे को टाला जा सकता है।
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