पटना/शेखपुरा (राज टाइम्स). कोरोना के कारण लॉकडाउन
से शेखपुरा सदर अस्पताल के रवैये से आम लोगों को अब खासा परेशानी होनी शुरू हो गई
है. ताजा मामला है आज सुबह की एक महादलित महिला मरीज लूज मोशन का शिकार होकर सदर
अस्पताल इलाज के लिए पहुंची. लेकिन डॉक्टरों ने संवेदनहीनता का परिचय देते हुए लूज
मोशन के महिला मरीज को चार दवा देकर अस्पताल से बाहर यह कह कर निकाल दिया कि उस
महादलित महिला चंपा देवी उसी गांव गवय लोदीपुर की है जहां से एक कोरोना पॉजिटिव का
मामला सामने आया है.
महिला चंपा देवी महादलित परिवार से है और लूज मोशन के वजह से
काफी परेशान थी. सुबह 7 बजे उस के ससुर और परिजन ने
मिलकर उसे अस्पताल लाया. जहां डॉक्टरों ने उसे बेहतर चिकित्सा देने के बजाय उसे
अस्पताल से बाहर कर दिया. इस वजह से चंपा देवी सदर अस्पताल के सामने गेट पर घंटों
पड़ी रही और कराहती रही. लेकिन कोई सुधि लेने नहीं आया. जब मीडियाकर्मी की नजर
मजबूर महिला पर पड़ी तो डॉक्टरों के संवेदनहीनता का मामला सामने आया. मीडियाकर्मियों
ने जब डॉक्टर से इस सन्दर्भ में पूछताछ की कि मरीज को अस्पताल में भर्ती करने के
बजाय उसे दर्द से कराह ने के लिए सड़क पर क्यों छोड़ दिया गया तब डॉक्टर यह कहने
से नहीं हिचकिचाये कि यह महिला उसी गांव से है जहां कोरोना पोजिटिव का मामला सामने
आया है और सदर अस्पताल में कोरोनटाइन सेंटर भी नहीं है इसलिए उसे कोरोनटाइन करने
की सलाह दी गई है और अस्पताल से बाहर भेजा गया है.
गौरतलब है कि अस्पताल में मरीज का इलाज करने
के बजाय उसे कोरोना संदिग्ध बता कर अस्पताल से बाहर रखना कितना सही है. इसका आप
सहज अंदाजा लगा सकते हैं. वही मौके पर जब अस्पताल उपाधीक्षक वहां पहुंचे तो मीडिया
और उपाधीक्षक की पहल पर महादलित महिला चंपा देवी को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड
में भर्ती कराया गया और उसकी चिकित्सा शुरू की गई बहरहाल अस्पताल के इस रवैये से
आम लोगों को अब खासा परेशानी हो रही है. जरूरत है कि अस्पताल प्रबंधन इस मसले को
संज्ञान में लें और उचित कार्रवाई करें।
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