- मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के
माध्यम से लगातार साढ़े पाॅच घंटे तक कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये किये जा रहे
कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा की
- बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के बिहार आने
की संभावना को देखते हुये प्रखण्ड एवं पंचायत स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर पर पूरी
तैयारी रखी जाय तथा गुणवत्तापूर्ण सुविधायें भी सुनिश्चित की जाय। रेलवे स्टेशन से
संबंधित जिला मुख्यालय तक एवं जिला मुख्यालय से संबंधित प्रखण्ड मुख्यालय तक लोगों
को लाने की समुचित व्यवस्था रखी जाय और इसके लिये वाहनों की भी पर्याप्त व्यवस्था
रखी जाय।
- प्रखण्ड क्वारंटाइन सेंटर पर भोजन, आवासन एवं चिकित्सकीय सुविधा की समुचित व्यवस्था रखी जाय। आवश्यकतानुसार
पर्याप्त संख्या में स्नानागार एवं शौचालय की व्यवस्था की जाय।
- बिहार में कोरोना टेस्टिंग सेंटर की संख्या
बढ़ायी जाय। स्वास्थ्य विभाग बड़ी संख्या में आने वाले प्रवासियों को देखते हुये
जिला स्तर पर भी कोरोना जाॅच की व्यवस्था का प्रयास करे।
- बाहर से बड़ी संख्या में आने वाले प्रवासी
मजदूरों का करायें स्किल सर्वे ताकि उनकी क्षमता का उपयोग हो सके और उन्हें उनके
स्किल के आधार पर काम उपलब्ध कराया जा सके।
- ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के कार्यों
को बढ़ायें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके।
- जीविका तथा राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन
द्वारा चिन्हित लोगों को भी प्रति परिवार 1,000 रूपये की सहायता राशि शीघ्र अंतरित
की जाय और सभी सुयोग्य लाभुकों को राशन कार्ड शीघ्र उपलब्ध कराया जाय।
- राशन कार्ड के लंबित, त्रुटिपूर्ण, अस्वीकृत आवेदन जो जाॅचोपरांत सही पाये
गये हैं, उन्हें भी एक हजार रूपये की राशि अंतरित की जाय।
- जन वितरण प्रणाली से संबंधित शिकायतों पर कड़ी
कार्रवाई करें। किसी भी सूरत में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जायेगी। लोगों को सही लाभ
मिले,
यह सुनिश्चित करें।
- फसल क्षति के लिये दिये जा रहे कृषि इनपुट
अनुदान का शीघ्र वितरण करें। पुनः असामयिक वर्षापात/ओलावृष्टि के कारण हुयी फसल
क्षति का आंकलन कर किसानों को लाभ पहुॅचायें।
- फसल क्षति सर्वे/राशन कार्ड सर्वे की अवधि
विस्तारित की गयी है। सभी जरूरतमंदों का आवेदन प्राप्त कर इसका लाभ दिलायें।
- पराली नहीं जलाने के लिये कृषि विभाग एवं जिला
प्रशासन किसानों को प्रेरित करें।
- सोशल मीडिया एवं फेक न्यूज पर कड़ी निगाह रखें।
लोग आपसी सौहार्द्र बनाये रखें। माहौल खराब करने वालों के खिलाफ करें कड़ी
कार्रवाई।
- लोग घर पर रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे। कोरोना
संक्रमण से बचने का सबसे प्रभावी उपाय सोशल डिस्टेंसिंग है।
पटना
(राज टाइम्स). 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम साढ़े पांच घंटे तक कोरोना संक्रमण की वर्तमान
स्थिति, कोरोना की रोकथाम को लेकर किए जा रहे कार्य तथा अन्य
आवश्यक तैयारियों के संबंध में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।
समीक्षा के क्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के
माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जिलों की वर्तमान स्थिति की
जानकारी दी। बिहार के बाहर से आने वाले लोगों को ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटर पर ले
जाने की व्यवस्था हेतु वाहन की व्यवस्था, जिले में
ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटर की संख्या, तथा उसमें रहने वाले
लोगों की क्षमता, स्क्रीनिंग की व्यवस्था, क्वारंटाइन सेंटर में की गई बुनियादी सुविधाओं की स्थिति, जिले में राशन कार्ड के लिए चिन्हित लोगों की स्थिति, .षि इनपुट आवेदन के लिए किसानों को दिए जा रहे लाभ, आंगनबाड़ी
केंद्रों पर दूध का पैकेट वितरण, पराली जलाने से रोकने हेतु
उठाए जा रहे कदमों एवं अन्य जानकारी दी। वहीं पुलिस अधीक्षकों ने लॉकडाउन का ठीक
से पालन कराने एवं विधि व्यवस्था के बेहतर संचालन हेतु उठाए जा रहे कदमों के संबंध
में विस्तृत जानकारी दी। प्रमंडलीय आयुक्त, रेंज के पुलिस
महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक ने भी विभिन्न बिंदुओं पर
जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा
कि पिछली बार आप सबों के साथ इस पर विस्तृत चर्चा हुई थी। कोरोना संक्रमण की
स्थिति पर मुख्य सचिव के स्तर पर भी आप सबसे लगातार बैठकें होती रहती हैं। आप सभी
अधिकारी स्थिति की नियमित तौर पर समीक्षा कर रहे हैं और उसके क्रियान्वयन के लिए
सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। कुछ दिन पूर्व बर्ड फ्लू और स्वाईन फीवर से बचाव के
लिए उठाए जा रहे कदमों तथा ए0ई0एस0, जे0ई0 से
बचाव के लिए की गई तैयारियों पर 17 जिलों के जिलाधिकारियों एवं स्वास्थ्य विभाग के
साथ विस्तृत चर्चा हुई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य
में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या शुरु में कम थी लेकिन उनके कॉन्टैक्ट्स
और बाहर से आए कुछ लोगों की वजह से संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। राज्य में कोरोना
संक्रमितों की पहचान के लिए पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग
करायी जा रही है। भारत सरकार के डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट-2005 के अन्तर्गत निर्गत
गाइडलाइन के अनुरुप कार्य किए जा रहे हैं। साथ ही उसमें यह भी प्रावधान है कि
राज्य सरकारों को भी अगर लगे कि अपने राज्य की परिस्थिति के अनुसार कुछ और करने की
जरुरत है तो वो निर्णय ले सकती है। अतः हमलोगों को भी अपने राज्य की परिस्थितियों
के अनुरुप तैयार रहने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले भारत सरकार की
गाईडलाइन जारी हुई है जिसमें राज्य के बाहर रह रहे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, श्रद्धालुओं को राज्य में आने के लिए छूट
मिली है। उसके अनुरुप हमलोगों को अपने ब्लॉक के क्वारंटाइन सेंटर में व्यवस्था
करनी होगी। बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के बिहार आने की संभावना को देखते हुये
प्रखण्ड एवं पंचायत स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर पर पूरी तैयारी रखी जाय तथा
गुणवत्तापूर्ण सुविधायें भी सुनिश्चित की जाय। रेलवे स्टेशन से संबंधित जिला
मुख्यालय तक एवं जिला मुख्यालय से संबंधित प्रखण्ड मुख्यालय तक लोगों को लाने की
समुचित व्यवस्था रखी जाय और इसके लिये वाहनों की भी पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय।
प्रखण्ड क्वारंटाइन सेंटर पर भोजन, आवासन एवं चिकित्सकीय सुविधा
की समुचित व्यवस्था रखी जाय। आवश्यकतानुसार पर्याप्त संख्या में स्नानागार एवं
शौचालय की व्यवस्था की जाय। साथ ही वहाॅ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन कराया जाय।
उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर स्कूलों में
पहले से क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, जिसका भी
विस्तार करना होगा क्योंकि बाहर से आने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी और उन्हें 21
दिन क्वारंटाइन में रखना जरुरी है। गांव-गांव में लाउडस्पीकर से प्रचार कर बताएं
कि उन्हें क्या-क्या करने की जरुरत है और किस प्रकार बचाव के लिए सतर्क रहें।
कोरोना संक्रमण की स्थिति कब तक रहेगी यह कोई नहीं बता सकता है। इससे निपटने के
लिए पूरी देश-दुनिया अपने स्तर से उपाय कर रही है और इसके निराकरण के लिए शोध में
लगी हुई है। इससे बचाव के लिए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के संबंध
में प्रेरित करते रहें उन्हें यह बताएं कि इसी से हम सुरक्षित रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग सभी के हित में
सोचते हैं और एक-एक व्यक्ति कि चिंता करते हैं। बिहार के लोग जो बिहार के बाहर
लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं उनके खाते में
मुख्यमंत्री राहत कोष से 1000 रुपए की राशि अंतरित की जा रही है। अब तक 18 लाख
लोगों के खाते में राशि अंतरित कर दी गई है। हमलोग गरीब राज्य हैं लेकिन जो भी
हमलोगों की स्थिति है उससे बढ़कर मदद करते हैं। हमलोग आपदा पीड़ितों की सहायता को
प्राथमिकता में रखते हैं। राज्य में आपदा की स्थिति में आपदा पीड़ितों को हर तरह की
मदद करते हैं। राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन वितरण प्रणाली से
संबंधित शिकायतों पर कड़ी कार्रवाई करें। किसी भी सूरत में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की
जायेगी। लोगों को सही लाभ मिले, यह सुनिश्चित करें। लोग
संकट में हैं और उनके साथ धांधली किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
लोगों को सही ढंग का अनाज और सही माप से मिले, यह व्यवस्था
सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी राशन कार्डधारियों
को 1000 रुपए की राशि खाते में दी गई है। जीविका तथा राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन
द्वारा चिन्हित लोगों को भी प्रति परिवार 1,000 रूपये की सहायता राशि शीघ्र अंतरित
की जाय और सभी सुयोग्य लाभुकों को राशन कार्ड शीघ्र उपलब्ध कराया जाय। राशन कार्ड
के लंबित,
त्रुटिपूर्ण, अस्वीकृत आवेदन जो जाॅचोपरांत
सही पाये गये हैं, उन्हें भी एक हजार रूपये की राशि अंतरित
की जाय। उन्होंने कहा कि चिन्हिंत परिवारों के खाते में सिर्फ 1000 रुपए की राशि
अंतरण कराना ही हमारा उद्देश्य नहीं है बल्कि सभी गरीब परिवारों को राशन कार्ड मिल
जाए यह बहुत जरुरी है। हमलोगों की इच्छा है कि गरीब परिवारों को राशन कार्ड बन जाए
ताकि इसका लाभ उनको हमेशा मिलता रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण में बदलाव के
कारण भी फसलों की भी क्षति हुई है और अभी हो रही है। किसानों को मदद के लिए हमलोगों
ने कई कदम उठाए हैं। पराली नहीं जलाने के लिये कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन
किसानों को प्रेरित करें। लोगों को बतायें कि इससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा और
उनका खेत भी। फसल क्षति के लिये दिये जा रहे कृषि इनपुट अनुदान का शीघ्र वितरण
करें। पुनः असामयिक वर्षापात/ओलावृष्टि के कारण हुयी फसल क्षति का आंकलन कर
किसानों को लाभ पहुॅचायें। फसल क्षति सर्वे की अवधि विस्तारित की गयी है। सभी
जरूरतमंदों का आवेदन प्राप्त कर इसका लाभ दिलायें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर घर नल का जल की
योजना,
हर घर तक पक्की नाली और गली का निर्माण, शौचालय
का निर्माण, जल-जीवन-हरियाली अभियान एवं मनरेगा के अंतर्गत
तालाबों का जीर्णोद्धार कार्यों के माध्यम से रोजगार सृजन के कार्य किए जा रहे
हैं। बाहर से बड़ी संख्या में आने वाले प्रवासी मजदूरों का स्किल सर्वे कराये ताकि
उनकी क्षमता का उपयोग हो सके और उन्हें उनके स्किल के आधार पर काम उपलब्ध कराया जा
सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बाहर से लोग
आ रहे हैं, बिहार में कोरोना टेस्टिंग सेंटर की
संख्या बढ़ायी जाय। स्वास्थ्य विभाग बड़ी संख्या में आने वाले प्रवासियों को देखते
हुये जिला स्तर पर भी कोरोना जाॅच की व्यवस्था का प्रयास करे। दवाओं की उपलब्धता
के साथ-साथ टेस्ट किट्स का इंतजाम रखें। उन्होंने कहा कि जिन आरोपितों को जेल
भेजने की जरुरत पड़े उनका भी कोरोना टेस्ट पहले करवा लें, जब
तक टेस्टिंग रिपोर्ट आने में देर होती है तो कहीं निर्धारित जगह में व्यवस्था कर
उन्हें रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सभी ने अपने-अपने
सुझाव दिए हैं, जिस पर गौर किया जाएगा और जरुरी कदम उठाए
जाएंगे। सोशल मीडिया एवं फेक न्यूज पर कड़ी निगाह रखें। माहौल खराब करने वालों के
खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। सामाजिक सौहार्द्र बनाए रखने के लिए माहौल खराब करने
वालों के खिलाफ सतर्क रहें। लोग आपसी सौहार्द्र बनाये रखें। लोगों को प्रेरित करते
रहें। लोगों के बीच चेतना लाना है, कि शांति बनाए रखें और एक
दूसरे के सहयोग में खड़े रहें।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान अपर मुख्य
सचिव श्रम संसाधन सुधीर कुमार, प्रधान सचिव पंचायती राज
अमृत लाल मीणा, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार,
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौघरी, कृषि सह पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन.श्रवण कुमार, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने अपने
विभागों से संबंधित विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर
पांडेय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री
के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी
गोपाल सिंह मौजूद थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम
से विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव तथा प्रमंडलीय आयुक्त,
रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप
महानिरीक्षक, जिले के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए
थे।
रिपोर्ट- धीरज झा पटना

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