पटना/कैमूर (राज टाइम्स)। डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय आज बिहार और यूपी बॉर्डर पर स्थित कैमूर जिला पहुंचे और बाहर से आ रहे प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम लोगों को उम्मीद नही थी कि इतनी भारी संख्या में मजदूर यहां आएंगे। कैमूर काफी छोटा जिला है और साधन की भी कमी है फिर भी हम लोग मजदूरों के हित के लिए काम कर रहे हैं।
गांव में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नही करने के पत्रकारों के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि हमारी बिहार की आबादी लगभग 12 करोड़ की है, 8 हजार से ज्यादा पंचायत हैं, और हमारे यहां 10 लाख से ज्यादा लोग आ रहे हैं । हमारे यहां पुलिसकर्मी की संख्या केवल 1 लाख है तो क्या सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए गांव-गांव में गली-गली में पुलिस की प्रतिनियुक्ति सम्भव है! यह नहीं हो सकता है। इस बात को आपलोग भी भलीभांति जानते हैं ।
डीजीपी ने कहा कि ये केवल जागरूकता से ही सम्भव है। इसमें एक-एक व्यक्ति को शामिल होना पड़ेगा। गांव के मुखिया, सरपंच, वार्ड पार्षद के साथ-साथ भूतपूर्व मुखिया, भूतपूर्व सरपंच सारे जनप्रतिनिधि सभी एक-एक नागरिक जागरूक होंगे तभी हम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर सकते हैं ।
डीजीपी ने कैमूर वासियों को संदेश देते हुए कहा कि मैंने ये बात पूरे बिहार के लिए कहा है। लेकिन कैमूर बिहार यूपी बॉर्डर का जिला है इसलिए मुझे आपलोगों का सहयोग, स्नेह,और आर्शीवाद चाहिए। आप लॉकडाउन के नियम को मानें। कहीं भी पुलिसकर्मी, स्वास्थकर्मी और इन सेवाओं से जो लोग जुड़े हुए हैं, उनसे न उलझें। उनका पूरा सहयोग करें और हर जगह जागरूक होकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। साथ ही अन्य लोगों को भी जागरूक करें। आपलोगों का साथ ही इस जिले के साथ साथ पूरे बिहार को बचा सकता है। और तभी हम कोरोना को हरा सकते हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के अलावा कोरोना को हराने का दूसरा कोई तरीका नही है।
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