बिहार/अररिया (राज टाइम्स)।
भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का 129वां जन्मोत्सव 14 अप्रैल को मनाया गया लेकिन बहुत कुछ बदलाव के साथ। बहुजन मुक्ति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विद्यानन्द पासवान ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से इस बार किसी भी तरह की रैली या कैंडल मार्च न निकालकर घर में ही दीप, कैंडल जलाकर बाबा साहब का जन्मदिन मनाई जा रही है। हमलोग ऑनलाइन ही बाबा साहब के विचार को शेयर कर लोगो को जागरूक कर रहे हैं कि बाहर न निकलें। पिछले सालों में देखा गया कि बाबा साहब की जयंती की पूर्व संध्या पर कैंडल मार्च गाजे बाजे के साथ निकाला जाता था। उनके विचारों और उनके द्वारा रची संविधान में दर्ज हक़ अधिकार और कानून की बात की जाती थी। लोगों से बातचीत के दौरान ये भी पता चला कि इस समय जिस तरह से संविधान में दिए गए हक़, अधिकार और कानून की खुले आम धज्जियां उड़ाई जाती हैं। अब तो ज्यादातर सत्ता में बैठे लोग संविधान को अपने हिसाब इस्तेमाल कर रहे हैं। ये भी देखने को मिलता है कि जिस संविधान में बाबा साहब ने छुआछूत और भेदभाव जैसी कुरीतियों को खत्म किया। आज क्या वह खत्म हैं? नहीं है, क्योकि सबसे बड़ा उदाहरण है बाबा साहब की जयंती को मनाने वाले लोग। बाबा साहब के संविधान की नज़र में सब बराबर है। लेकिन उनके नाम के साथ समुदाय, जाति और धर्म से जोड़ा जाता है।
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