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फ़ोटो जर्नलिस्ट- कर्तव्यनिष्ठ कर्मयोग से घरों से दूर दुनिया को हाल ए शहर बताने वालों की हाल बताती खास रिपोर्ट

राज टाइम्स। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी घोषित हुई तो पूरा विश्व सकते में आ गया पर कोरोना वारियर्स अपनी ड्यूटी पर डटे रहे। बहुत से डॉक्टर और पुलिसकर्मियों और उनके परिवार की खबरें प्रमुखता से छापी जा रही है पर इन वारियर्स की खबरें लिखने और फ़ोटो खिंचने वाले समाज के चौथे स्तम्भ में भी कुछ ऐसे फोटोजर्नलिस्ट हैं जो अपने परिवार से दूर जनता और प्रशासन के बीच सामंजस्य अपनी तस्वीरों के माध्यम से सदैव पहुंचाने में डटे हुए हैं। क्योंकि लॉकडाउन की इस मुश्किल घड़ी में पत्रकारिता वर्क टू होम व फोन पर सूचनाओं के अधार अदान-प्रदान हो सकती हैं। पर बेहतर तस्वीरों के लिए बिना मौके पर जाएं कदापि प्राप्त नहीं हो सकती।
ऐसे ही कुछ फोटोजर्नलिस्ट वारियर्स की कहानी आज हम आप से साझा करते जो इस संक्रमित महामारी से खुद को बचाते हुए घर परिवार से दूर अपनी कर्मस्थली पर आप के कार्य को अंजाम दे रहे हैं । कोई राजधानी लखनऊ में है तो कोई देहरादून में है तो कोई प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में अपने कार्य को हर पल संक्रमण के खतरों के बीच बखूबी निभा रहे हैं ।

पहली कहानी हैः
हिंदुस्तान टाइम्स चंडीगढ़ के प्रिंसिपल फ़ोटो जॉर्नलिस्ट #रवि_कुमार मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। हिमाचल में मां, पापा, बीवी और 6 महीने का बेटा है। अप्रैल में बेटे को पहली बार चंडीगढ़ ले कर आना था। लॉकडाउन के चलते अब वही है। रवि ने बताया कि हर रोज जब भी समय मिलता है वीडियो काल पर घर पर बात कर लेता हूं। बेटे को जितना मिस करता हूं उससे ज्यादा इस बात का सकून है की अकेले मां-बाप की देखभाल के लिए मेरी पत्नी उनके पास है। दंगे, लूटपाट, बाढ़, आर्मी के ऑपरेशन और भी कई तरह के असाइनमेंट कवर किए। पर महामरी क्या होती है और इसका डर क्या होता हैं? आज पुरा विश्व गवाह हैं। अतः सभी से निवेदन है दूरी बनाए रखे और अपना ख्याल रखें।

दूसरी कहानीः
देहरादून में समाचार एजेंसी ANI के कैमरापर्सन #अफ़ज़ाल_अहमद की । अफ़ज़ाल की बेटी का जन्मदिन आगामी 14 अप्रैल को है शायद वो उस दिन अपनी बेटी से मिलने जाएंगे पर कुछ भी कहना मुश्किल है क्योंकि अफ़ज़ल का घर देहरादून के कारगिग्रांट में है पर यह इलाका कोरोना संक्रामित के मिलने के बाद से सील है । अपने काम की प्रति निष्ठा ने इन्हें घर मे रहने नही दिया और ये पिछले कुछ दिनों से शहर की सुभाष रोड स्थित एक होटल में रह रहे हैं। रोज़ाना खाली होने पर वीडियो कॉल के द्वारा बात कर रहे थे पर आज उनकी दोनों बेटियों को पापा की ज़्यादा याद आयी तो अफ़ज़ाल अपनी बेटियों से मिलने अपने घर के पहले की गई बैरिकेडिंग तक गए और उनसे मिले ।

तीसरी कहानी हैः
उत्तर प्रदेश, गाजीपुर जनपद के दिलदारनगर बाज़ार के रहने वाले भारत समाचार न्यूज़ चैनल के कैमरापर्सन #नीरज_जायसवाल की। नीरज इन दिनों वाराणसी में कार्यरत्त हैं और अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। बहुत कम समय मे अपना मुकाम वाराणसी की मीडिया में बनाने वाले नीरज ने बताया कि वो परिवार से दूर रहते हैं एयर जब से पता चला कि मेरा मोहल्ला सील किया गया है और गाजीपुर जनपद के हॉटस्पॉट बनाया गया तब से परिवार की चिंता है पर काम पहले है। रोज़ सुबह काम पर लग जाता हूँ। घर वालों से रोज़ वीडियो कॉल पर बात होती है। संक्रमण का डर सताता है पर उनसे बात कर आत्मबल मिलता है और अगले दिन फिर नयी ऊर्जा के साथ काम मे लग जाता हूँ।

हमारे चौथे कोरोना वारियर हैं लखनऊ के रहने वाले #मोहम्मद_मुकीद, गज़ब के फोटोग्राफर हैं जो इन दिनों अपने परिवार से दूर वाराणसी हिंदुस्तान अखबार में फोटो जर्नलिस्ट के रूप में कार्यरत हैं। मुकीद ने हमे बताया कि लखनऊ घर में मां-बाप बहन भाई से दूर अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद वर्तमान में कई बड़ी चुनौती के बीच संघर्ष जारी रखें हुए हैं। ऐसे मुश्किल समय पर बनारस में बड़े भाई के रूप में पी के सिंह मिले। जो मुझे घर जैसे माहौल मिला मुझे पता ही नही चलता है कि में अपने घर पर हूँ या कही और ये मेरा सौभाग्य है जो बाबा की नगरी में मुझे ढेर सारा आशीर्वाद मिल रहा है मेरा ख्याल रखने के लिए मेरा तमाम बड़े भाई यहां है जो मुझे समय समय पर हिदायत देते रहते है। वो चाहे आफिस हो या काशी में रहने वाले मेरे तमाम भाई । घर वालों से बात करता हूं तो वो बच कर काम करने की हिदायत मिलती है ।
इसी तरह पांचवीं कहानी दैनिक जागरण लखनऊ के चीफ फोटोजर्नलिस्ट #रंगनाथ_तिवारी जो कि मूलतःजिला गोडा गांव डेहरास के रहने वाले हैं। लॉक डाउन के समय अपनी ड्यूटी पर मुस्तैदी के साथ लगे हुए हैं । कोरोना संक्रमण का डर और धूप की शिद्दत भी इनके कदम नही रोक पा रही। हमने इनसे बात की तो पता चला कि घर पर मां की तबियत नही ठीक है। घर जाना चाहते थे पर लॉकडाउन ने सब रोक दिया। रंगनाथ तिवारी ने बताया कि घर पर मेरा बेटा अपनी दादी के पास हैं।

इसके अलावा हमारे छठे कोरोना वारियर्स में नाम जुड़ता है दिल्ली अमर उजाला में कार्यरत #शुभम_बंसल का। शुभम लखनऊ के रहने वाले हैं। दिल्ली में कोरोना का हर सेकेंड कदम मजबूती से आगे बढ़ रहा है। हर आदमी खौफ में है कि उसे कब हो जाए कोरोना संक्रमण ये उसे नही पता। ऐसे में शुभम अपना कार्य मुस्तैदी से कर रहे हैं। शुभम ने बताया कि दिल्ली में स्थिति भयावह है। रोज़ नए इलाकों में नए मामले आ रहे हैं। शहर के 30 इलाके सील किये गए हैं। हम प्रोटेक्शन के साथ निकलते हैं खबरों के लिए। ये प्रोटेक्शन काफी है ये हमे भी नही पता। महामारी में परिजनों की याद आती है। रोज़ जब भी मौका मिलता है वर्क से जब फ्री होता हूं तो लखनऊ मां, बाप और भाई बहन से बात करता हूँ और हिम्मत पाता हूँ।

इसके अलावा सातवें वारियर्स उत्तर प्रदेश भदोही जनपद के रहने वाले कैमरे के जादूगर मो. #सलिम_रईस_खान जो कि दैनिक जागरण बागेश्वर, उत्तराखंड में फोटोजर्नलिस्ट हैं। लॉक डाउन में रईस पूरी मुस्तैदी के साथ जनता और प्रशासन के बीच सामंजस्य अपनी तस्वीरों से फैला रहे हैं। रईस बताते हैं कि उनकी दो बेटी और एक तीन महीने के बेटे की अभी तक शक्ल भी नही देखा है। अब्बू को भी पैरालाईसिस का अटैक भी हुआ है। इसके बावजूद रईस अपना काम कर रहे हैं और मुस्तैदी के साथ कर रहे हैं ।

आठवीं कहानी है
उत्तर प्रदेश प्रयागराज में परिवार को छोड़कर अलीगढ़ अमर उजाला में अपने काम को प्राथमिकता देकर नौकरी कर रहे वरिष्ठ छायाकार #नीरज_कुमार जी अपनी तस्वीरों से समाज के दर्द को प्रशासन तक पहुंचा रहे हैं। नीरज का परिवार प्रयागराज में है और वो रोज़ परिवार से बात कर अपनी अंतरात्मा को शक्ति देते हैं।

नौवीं कहानी में शामिल दिल्ली अमर उजाला में कार्यरत वरिष्ठ छायाकार #हिमांशू_सोनी जो कि मध्यप्रदेश सतना के रहने वाले हैं और घर पर दो छोटे भाइयों और मां को छोड़ ये अपनी कर्मभूमि नई दिल्ली में मुस्तैद हैं। हिमांशू ने बताया कि देश के लिए हम यदि काम आएं तो हमारे लिए इससे बड़ी बात क्या होगी। आज इस वैश्विक महामारी के खिलाफ जनता को जागरूक करते हुए उनकी समस्या को प्रशासन तक पहुंचाकर सुखद अनुभव मिल रहा है। हर पल संक्रमण का खतरा है पर हमारा वर्क पहले।बाकी अपनी और अन्य की हिफाजत भी करते रहते हैं।

अतः में अब बात उस फोटोजर्नलिस्ट शख्सियत की जिनके बिना कहानी अधूरी होगी। जो कि फोटोग्राफी में गजब की महारत रखते हैं। इस समय दैनिक जागरण आई नेक्स्ट लखनऊ में वरिष्ठ फोटोजर्नलिस्ट की भूमिका में कार्यरत हैं। उत्तर प्रदेश वाराणसी जनपद के रहने वाले #तुषार_राय अपने परिवार के अकेले संतान हैं। परिवार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर। मां-पिता, पत्नी व दो बेटियां वाराणसी में हैं और वो वर्तमान में एक कर्मवीर की तरह अपने कार्य को इस लॉकडाउन में बखूबी निभा रहे हैं। अन्य फोटोजर्नलिस्ट वारियर्स के बारे में जानकारी न होने के कारणों से  कहानियों के सिलसिले को यहीं समाप्त करते हुए उन सभी अन्य फोटोजर्नलिस्टो साथियों को सैल्यूट करते हैं।

सभी फ़ोटो इंडियन फोटोजर्नलिस्ट एशोसिएशन की

कटेंटः सैय्यद फैज हुसैन (वरिष्ठ पत्रकार) वाराणसी।

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