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अररिया- सरकार की संवेदनहीनता के कारण 64 दिन के अंदर 54 शिक्षक-शिक्षिकाओं की मौत:- बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ

पांच मई को राजभवन तक मार्च निकालेंगे हड़ताली शिक्षक

शिक्षक संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष प्रशांत कुमार 
बिहार/अररिया (राज टाइम्स)।
बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले प्रारंभिक विद्यालय से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तक के 76 हजार विद्यालयों के 4 लाख नियोजित शिक्षक 17 फरवरी से हड़ताल पर हैं। शिक्षक अपनी मांगों से मुख्यमंत्री को अवगत कराने के लिए विगत दो माह से वार्ता करने की गुहार लगा रहे है, लेकिन अब तक सरकार और हड़ताली शिक्षकों के बीच वार्ता नहीं हो सकी है।
वहीं 64 दिनों से जारी हड़ताल के दौरान मुख्यमंत्री से वार्ता के आस में 28 जिला के 54 नियोजित शिक्षकों की मौत आर्थिक तंगी, भुखमरी, समुचित इलाज का अभाव आदि जैसे कारणों से हो जाने की सूचना बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के द्वारा सरकार को दी गई है। साथ ही शीघ्र वार्ता करने की मांग की गई है। इस आशय की जानकारी देते हुए बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष प्रशांत कुमार ने बताया कि हड़ताल के दौरान अररिया के 2, जहानाबाद के 1, शिवहर के 1, रोहतास के 1, शेखपुरा के 2, समस्तीपुर के 1, दरभंगा के 1, औरंगाबाद के 1, मुंगेर के 2, खगड़िया के 1, बेगूसराय के 4, भागलपुर के 1, बांका के 2, बेतिया के 1, मोतिहारी के 3, सारण के 5, किशनगंज के 1, मधुबनी के 2, नवादा के 3, गोपालगंज के 1, मुजफ्फरपुर के 5, भोजपुर के 2, वैशाली के 3, गया के 1, सुपौल के 1, पूर्णिया के 2, सहरसा के 2 और सीतामढ़ी जिला के 2 नियोजित शिक्षक की मौत हुई है।
प्रदेश कोषाध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री की संवेदनहीनता से हड़ताल के 64 दिन के अंदर 54 शिक्षक की जान चली गई है। बिहार में 4 लाख शिक्षकों और उनके परिजनों के लिए सरकार का अहंकारी स्वभाव कोरोना वायरस की महामारी से भी अधिक खतरनाक साबित हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से तत्काल मानवता का परिचय देते हुए वार्ता के प्रत्याशा में 54 मृत शिक्षकों के परिजनों को 25 लाख रुपये और बिना शर्त सरकारी नौकरी देने की मांग की है। साथ ही शिक्षकों को फरवरी, मार्च, अप्रैल माह का बकाया वेतन का भुगतान करने, लॉकडाउन अवधि का वेतन रोक कर शिक्षकों को मौत के मुँह में धकेलने वाले पदाधिकारी पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है उन स्कूलों में शिक्षक लगातार अपनी सेवा दे रहे हैं साथ ही लॉकडाउन के नियम का भी शत् प्रतिशत पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हड़ताली शिक्षकों के साथ सरकार को दांव-पेंच और राजनीति चोंचलेबाजी बंद कर शीघ्र विडियो कांन्फेंसिंग से वार्ता करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अगर शिक्षकों की लगातार हो रही मौत पर संज्ञान लेकर सरकार वार्ता नहीं की तो लॉकडाउन खत्म होते ही 4 लाख हड़ताली शिक्षक 5 मई को पटना के राजभवन तक आक्रोश मार्च निकालकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।

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