राघोपुर/सुपौल। प्रसव के पश्चात अचानक तबियत बिगड़ने के कारण सदर अस्पताल में इलाजरात एक महिला की मौत हो गई। घटना से आक्रोशित परिजनों ने सदर अस्पताल में डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मी पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। हालांकि मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कर दिया।
![]() |
मृतका (फाईल फोटो) |
मृतका आरती कुमारी (26 वर्ष) के पति राघोपुर प्रखंड अंतर्गत पिपराही पंचायत के दुर्गापुर गांव के निवासी जगन्नाथ मंडल ने बताया कि उनकी पत्नी गर्भवती थी। बुधवार को प्रसव पीड़ा होने पर उसे राघोपुर रेफरल अस्पताल में रात को करीब 7 बजे भर्ती कराया था। जहां 1 घंटे के बाद नॉर्मल डिलीवरी से एक नवजात बच्चे को जन्म दिया। लेकिन डिलेवरी के पश्चातआरती की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी तो राघोपुर रेफरल अस्पताल के चिकित्सक ने गंभीर स्थिति के मद्देनज़र सुपौल सदर अस्पताल रेफर कर दिया। बुधवार की रात करीब 11 बजे सरकारी एंबुलेंस से सदर अस्पताल पहुंचे। जहां सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर से दिखाए जाने के बाद चिकित्सक ने उसे प्रसूता वार्ड में भर्ती होने की सलाह दी। मृतका के पति ने बताया कि प्रसव वार्ड में एडमिट करने के उपरांत आरती ने के पेट में दर्द शिकायत बताई गई जिसके उपरांत सुई और दवा दिया भी गया। लेकिन अहले सुबह उसकी मौत हो गयी है।
परिजनों का आरोप 05 घंटे तक नहीं आए चिकित्सक
मृतका के परिजनों ने बताया कि करीब 5 घंटे के दौरान बाद भी महिला चिकित्सक ना ही अस्पताल आयी और ना जांच ही किया गया। जबकि राघोपुर रेफरल अस्पताल के चिकित्सक ने महिला मरीज को खून की कमी होने के कारण रेफर किया था। परिजनों ने डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इधर मौत की खबर सुनते ही परिजनों में कोहराम मच गया। सभी सदस्य का रो-रो कर बुरा हाल बना हुआ है।
अस्पताल प्रबंधन ने सुपौल सदर थाने की पुलिस को हंगामा की सूचना दी तो सुपौल पुलिस अस्पताल पहुंची। पुलिस ने परिजनों का आश्वासन देकर मामले को शांत कराया। सुपौल सिविल सर्जन डॉक्टर मिहिर कुमार वर्मा ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है। मामले में जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
कोई टिप्पणी नहीं