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कोरोना के इलाज का दावा- महाराष्ट्र के डॉक्टर का दावा, शराब पिलाकर ठीक किए दर्जनों कोरोना मरीज

 

डॉ भिसे के अनुसार सीमित मात्रा में शराब के सेवन से कोरोना के खतरे को दूर किया जा सकता है। लेकिन साथ में डॉक्टरों द्वारा बताई गयी सलाह के साथ दवाइयां लेनी होगी हालांकि ऐसे किसी भी दावे की पुष्टि अभी तक वैज्ञानिकों की तरफ से नहीं की गयी है।



मुख्य बिन्दू:-

  • महाराष्ट्र के डॉक्टर भिसे का दावा, शराब से भागेगा कोरोना 
  • अहमदनगर (महाराष्ट्र) के चिकित्सक हैं डॉक्टर अरुण भिसे
  • अब तक करीब 50 मरीजों को कर चुके हैं ठीक 
  •  किसी भी मरीज की अब तक नहीं हुई है मौत

 

डॉ भिसे का अजीब दावा, शराब पिलाकर ठीक किए 50 कोरोना मरीज

अहमदनगर (महाराष्ट्र)

देश में कोरोना की लहर से हाहाकार मचा हुआ है। हर दिन लाखों कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा सामने आ रहा है। इस महामारी से निपटने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना वायरस को खत्म करने की कोई भी अचूक दवा अभी तक नहीं बन पाई है। फिलहाल कोरोना वैक्सीन के जरिए लोगों को इस बीमारी से दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है। एक तरफ जहां कोरोना के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जा रहा है तो दूसरी तरफ कोरोना मरीजों को शराब पिलाकर ठीक करने का एक दावा महाराष्ट्र के डॉक्टर अरुण भिसे नेे किया है। हालांकि राज टाइम्स ऐसे किसी दावे का समर्थन नहीं करता है।

क्या है डॉ भिसे का दावा
मीडिया खबरों के अनुसार डॉ अरुण भिसे ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सबसे पहले नजदीकी किसी डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। बाद में कोरोना की तीव्रता को देखते हुए टास्क फोर्स द्वारा बताई गई दवाइयों को लिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि जिस दिन मुंह का स्वाद चला जाए और भूख कम लगने लगे। उस दिन से जिन चीजों में 40% से ज्यादा अल्कोहल है। ऐसी कोई भी शराब फिर चाहे वह देशी शराब हो,वोडका हो, ब्रांडी हो या व्हिस्की हो, उसे लेना चाहिए। 30 मिलीलीटर शराब और 30 मिलीलीटर पानी मिलाकर मरीज को दिया जाना चाहिए।

 

कोरोना वायरस और अल्कोहल का संबंध

कोरोना मरीजों को शराब देने के पीछे डॉ. अरुण ने कुछ कारण भी बताए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस ऊपरी परत लिपिड की है जो अल्कोहल के संपर्क में आने से नष्ट हो जाती है। इसी वजह से सैनिटाइजर से हाथ धोने की सलाह दी जाती है। शराब पीने के बाद वो खून की नालियों के जरिये 30 सेकंड में पूरे शरीर में पहुंचती है। फेफड़ों के बाद शराब हवा के संपर्क में आती है और वायुमार्ग से बाहर निकल जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान शरीर मे मौजूद कोरोना वायरस निष्क्रिय हो जाता है। कोरोना कॉल में मरीजों को काफी मानसिक तनाव होता है। इस तनाव को कम करने का काम यह शराब करती है।

करीब 50 मरीजों को सलाह
डॉक्टर भिसे का कहना हैं कि उन्होंने अब तक करीब 50 मरीजों को शराब पीने की सलाह दिया है। दवाइयों के साथ सीमित मात्रा में शराब के सेवन की भी बात वह मरीजों को कहते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी इस तकनीक से वे सभी मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं। जिसमें से 10 मरीज गंभीर रूप से बीमार थे। अभी तक एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है।

 

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