पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष का हमला
सुपौल (राज टाइम्स)।
कोरोना महामारी से निपटने में नाकाम नितीश सरकार अब अपने कुशासन और घोर नाकामी को छुपाने के लिए तानाशाही रवैया अपनाने लगी है। पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव की गिरफ्तारी इसका ताजा उदाहरण है।यह कहना है जिला कांग्रेस कमिटी के जिलाध्यक्ष विमल यादव का। कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्री यादव ने कहा कि इस महामारी में सरकार के सभी मंत्री और विधायक जहां घरों में दुबके हुए हैं वही पप्पू यादव सड़कों पर रात दिन घूम घूम कर संक्रमित परिवारों की मदद कर रहे हैं। जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलेंडर, बाजार में अनुपलब्ध जीवन रक्षक दवाओं के साथ साथ अन्य महामारी में भोजन आदि की व्यवस्था कर रहे हैं। उन्हें गिरफ्तार कर सरकार अपनी नाकामी छुपाना चाहती है।
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फोटो- कांग्रेस जिलाध्यक्ष विमल यादव |
पूर्व सांसद ने हाल के दिनों में स्वास्थ्य विभाग एवं सरकार की
लचर व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। अस्पतालों में जरूरी दवाइयां एवं जीवन रक्षक
दवाइयों के साथ ऑक्सीजन, चिकित्सकों एवं टेक्नीशियनों की कमी साफ साफ दिखाई दे रही
है। कोरोना मरीज ऑक्सीजन एवं वेंटीलेटर के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। सभी
अस्पतालों मे कुव्यवस्था व्याप्त है।
भाजपा के सांसद अपने घर में एंबुलेंस बंद कर रखते हैं। अगर ऐसी जानकारी को उजागर
किया गया तो पूर्व सांसद के ऊपर लॉकडॉउन उल्लंघन का मुकदमा कर गिरफ्तार कर लिया
गया है। पूर्व सांसद पप्पू यादव तो गरीब और जरूरतमंद की मदद करने बाहर निकले थे।
नीतीश सरकार बताए कि लॉकडाउन में सड़क पर गुंडागर्दी करने वाले जदयू विधायक गोपाल
मंडल और गांव में हो रही पंचायत में गोली चलाने वाले जदयू विधायक श्रीमती बीमा
भारती के पति अवधेश मंडल को अब तक क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया। फारबिसगंज के
विधायक ने अपने बेटे की शादी में खुल्लम खुल्ला लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाई एवं
जदयू नेता मुन्ना शुक्ला द्वारा भी ऐसी कार्रवाई की गई तो इन लोगों के ऊपर मामला
दर्ज कर क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा कि पूर्व
सांसद पप्पू यादव की गिरफ्तारी लोकतंत्र की दिनदहाड़े हत्या है और लगता है कि भाजपा
के दबाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने आप को गिरवी रख दिया है। अब भी
समय है बिहार सरकार होश में आए और अभिलंब पप्पू यादव को बिना शर्त रिहा करें। उन्होंने
बिहार सरकार से अविलम्ब पप्पू यादव को रिहा करने की मांग।
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