प्रशासन ने बताया व्यवस्था चुस्त दुरुस्त, कोरोना के कारण हो रही परेशानी को जल्द कर लिया जाएगा दुरुस्त
लाल बहादूर यादव/किशनपुर (राज टाइम्स)। मौसम विभाग द्वारा 72 घंटे का अलर्ट जारी करने के बाद पिछले दो दिनों से उतरी बिहार में बारिश का दौर जारी है। वहीं बारिश के कारण कोसी नदी के जलस्तर में भी काफ़ी वृद्धि हो गई है। सोमवार को एक लाख 77 हजार क्यूसेक पानी रिकॉर्ड किया गया जो कोसीवासियों के लिए खतरा साबित हो रहा है।
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फोटो- मौजहा में पानी बढ़ने के बाद आशियाना हटाते लोग |
कोसी परियोजना के जेई उमेश कुमार बिंद के अनुसार नेपाल के तराई क्षेत्र एवं बिहार के अधिकांश भागों में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी के जलस्तर में बढोत्तरी की संभावना बनी हुई है। उन्होंने बताया कि पानी के जल स्तर में वृद्धि होने के साथ ही विभागीय स्तर पर तटबंधो की निगरानी बढ़ा दी गई है। जो भी नाजुक बिंदु है वहां बोरा क्रेटिंग का कार्य किया जा रहा है।
दूसरी ओर कोसी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए स्थानीय प्रशासन भी राहत बचाव के कार्य में जुट गए है। अंचल अधिकारी नागेन्द्र कुमार रस्तोगी के अनुशार दो दर्जन सरकारी नाव के अलावे पांच दर्जन निजी नावों के परिचालन के आदेश दिया जा चुका हैं। स्थिति भयावह होने पर लोगों को ऊंचे स्थान पर शरण लेने की हिदायत दी गई है। जहां उनके लिए कम्युनिटी किचन के अलावे स्वास्थ्य सुविधा आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी।
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वहीं ओर कोसी तटबंध के अंदर बसे पूर्व प्रमुख सुनीता देवी मौजहा समिति सदस्य सूर्यनरायण प्रसाद, मुखिया जगन्नाथ महतो, मोहम्मद गुलाब हसन, पूर्व मुखिया शैलेंद्र कुमार, दुबियाही मुखिया शंकर कुमार यादव, बौराहा मुखिया उदय कुमार चौधरी, समिति शीला जयसवाल आदि ने बाढ के दौरान अबतक सरकारी व्यवस्था को नदारद बताते हुए कहा कि बाढ़ में किसी तरह की समुचित इंतजाम नहीं है। लोग भगवान भरोसे जीवन जीने को विवश हैं। सक्षम लोग खुद के नाव से आवागमन को सुगम बनाते है, जबकि आम लोगों के लिए नाव का परिचालन आज भी नायाब बनी हुई हैं। लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को विवश है। यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो इस बार बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि खुद सडक पर उतर कर सरकार के विरोध में प्रर्दशन करेंगे।
इस सन्दर्भ में आरडीओ अजीत कुमार ने कहा कि ऐसी नौबत नहीं आएगी। कोरोना को लेकर थोडी परेशानी बढ़ गई है। बावजूद बाढ़ सहायता में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।
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