अमृत सागर झा/ बलुआ बाज़ार (राज टाइम्स)। एक तो लगातार हो रही बारिश ने किसानों की कमर तोड़ रखी है। सब्जी की खेती करने वाले किसान बर्बाद हो चुके हैं। इधर संपूर्ण बिहार में 16 जुलाई से वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते रफ्तार को देखते हुए 31 जुलाई तक लॉकडाउन कर दिया गया है।
लॉकडाउन होते ही छातापुर प्रखंड के कई पंचायतों में जैसे बलवा लक्ष्मीनिया तुलसीपट्टी, चैनपुर एवं अन्य क्षेत्रों में सब्जी की कीमत में बेतहाशा वृद्धि होने लगी है। जिससे गरीब तबके के लोगो को खासी परेशानी हो रही है।
सब्जी की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि महंगाई होना लाजमी है। लगातार बारिश के चलते खेत में लगी सब्जी बर्बाद हो चुकी है। ऊपर से बाजार तक सब्जी भी नहीं पहुंच पा रही है। जिसका असर सब्जी के कीमत पर तो पडना लाजमी है और दिख भी रहा। आलू ₹35, परवल ₹50, भिंडी ₹30, प्याज ₹25 तो कच्चा केला ₹40 दर्जन बिक रहा है। गरीब मजदूर के पास रोजगार की कमी पहले से है। ऐसे में सब्जी उनकी थाली से दूर हो चुकी है।
लॉकडाउन होते ही छातापुर प्रखंड के कई पंचायतों में जैसे बलवा लक्ष्मीनिया तुलसीपट्टी, चैनपुर एवं अन्य क्षेत्रों में सब्जी की कीमत में बेतहाशा वृद्धि होने लगी है। जिससे गरीब तबके के लोगो को खासी परेशानी हो रही है।
सब्जी की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि महंगाई होना लाजमी है। लगातार बारिश के चलते खेत में लगी सब्जी बर्बाद हो चुकी है। ऊपर से बाजार तक सब्जी भी नहीं पहुंच पा रही है। जिसका असर सब्जी के कीमत पर तो पडना लाजमी है और दिख भी रहा। आलू ₹35, परवल ₹50, भिंडी ₹30, प्याज ₹25 तो कच्चा केला ₹40 दर्जन बिक रहा है। गरीब मजदूर के पास रोजगार की कमी पहले से है। ऐसे में सब्जी उनकी थाली से दूर हो चुकी है।
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