जयनगर, मधुबनी (राज टाइम्स)
नगर के पटना गद्दी चौक स्थित कुसुम देवी हरि प्रसाद गुप्ता सरस्वती शिशु विद्या मंदिर परिसर में 6ठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विभिन्न योगासनों का अभ्यास कर योग दिवस कार्यक्रम मनाया गया। कार्यक्रम का उदघाटन मधुबनी जिला संघचालक और ख्यातिलब्ध मैथिली साहित्यकार सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ. कमलकांत झा द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार झा ने सभी उपस्थित लोगों को विभिन्न योग आसन, सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम कराया। दीप प्रज्वलन के पश्चात डॉ. कमलकांत झा ने उपस्थित योगप्रेमियों को योग के विभिन्न आसनों और प्राणायाम का जीवन में महत्व बताया। साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के कारण योग की पहचान वैश्विक होने और योग को भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधि भी बताया। उन्होंने कहा कि योग भारत में सदियों से प्रचलित रहा, प्रारंभ में यह ऋषि-मुनियों से आम जनमानस तक पहुँचा। विभिन्न कालखंड में इसकी लोकप्रियता में उतार-चढ़ाव भी आया। भारत में महर्षि पतंजलि के अतिरिक्त भी अनेक मनीषियों ने इसमें विस्तार किया। 19वीं और 20वीं सदी में कई योगियों ने इसे वैश्विक पहचान दिया जिसे 20 सदी के अंत और 21वीं सदी के प्रारंभ में योगगुरु रामदेव बाबा ने जन-जन में लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फिर 2014 में नरेन्द्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने तो संयुक्त राष्ट्र की आमसभा में योग दिवस का प्रस्ताव रखा और यह बिना किसी विरोध के लगभग 184 राष्ट्रों के समर्थन से 21 जून निर्धारित किया गया। 21 जून का वैज्ञानिक महत्व भी है क्योंकि पूरे वर्ष में 21 जून को दिन सर्वाधिक लंबी और रात सबसे छोटी होती है। अब योग आम जीवन का अनिवार्य हिस्सा हो चुका है और इससे शरीर में व्याधियों के खिलाफ लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। कोरोना महामारी के दौर में प्रतिरोधक शक्ति की महत्ता और अधिक ध्यान में आया है।
6ठे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में ख्यातिप्राप्त साहित्यकार डॉ. कमलकांत झा, विद्यालय प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार झा, अधिवक्ता श्याम किशोर सिंह, युवा स्वयंसेवक युवराज प्रधान नीतीश, प्रवीण कुमार, रवि पूर्वे, पवन गुप्ता समेत विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिका की सहभागिता रही। अंत में शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।
सुभाष सिंह यादव की रिपोर्ट।
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