सुपौल (राज टाइम्स) । शनिवार को प्रधानमंत्री द्वारा बिहार के खगड़िया जिला के बेलदोर प्रखंड के तेलिहार ग्राम पंचायत से विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान‘‘ का शुभारंभ किया गया। उक्त कार्यक्रम के अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री भी विडियो कान्फ्रेंसिंग से जुड़े हुए थे।
वैश्विक महामारी कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों को अवसर में बदलने के उद्देश्य से श्रमिकों/ कामगारों को यथाशीघ्र रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु देश के 06 राज्यों के 116 जिलों को चिन्ह्ति किया गया है। इस अभियान के तहत बिहार के 32 जिलों को आच्छादित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमे लगभग 50 हजार करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। इस अभियान से बिहार के लाखों प्रवासी मजदूर एवं अन्य को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त हो सकेगा।
इस अभियान के तहत 25 विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को जोड़ा गया है, जिसके तहत सड़क निर्माण, आवास निर्माण, पौधारोपन, जल-जीवन मिशन, आंगनबाड़ी केन्द्र, कुँआ निर्माण, सामुदायिक शौचालय, पंचायत भवन, मुख्यमंत्री पक्की गली-नाली योजना एवं पशुसेड इत्यादि योजना सम्मिलित है। इसके तहत श्रमिकों/कामगारों को अपने-अपने हुनर एवं रूचि के अनुसार 125 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही जीविका के माध्यम से भी ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु समूह निर्माण कर आत्मनिर्भर बनाने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
अभियान के तहत गाँव को आधुनिक सुविधा से भी जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिससे कि गाँव में तेज इन्टरनेट की सुविधा हो, ताकि गाँव के बच्चे पढ़ाई करने में उसका लाभ उठा सके। इसके लिए गांवों को फाईवर केवल के जरिये जोड़ा जाएगा। इस अभियान के सफल आयोजन हेतु सभी त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रतिनिधियों/नागरिकों से जुड़ने के लिए अनुरोध किया गया।
जिला स्तर पर जिलाधिकारी, सहायक समाहर्ता, उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, जिला परिषद के अध्यक्ष एवं जिलें के सभी पदाधिकारीगण उक्त कार्यक्रम में उपस्थित थे। प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड प्रमुख एवं अन्य पदाधिकारी इस कार्यक्रम से जुड़े हुए थे। इसी प्रकार पंचायत स्तर भी पंचायत के जन प्रतिनिधि एवं अन्य इस कार्यक्रम से जुड़े हुए थे।
वैश्विक महामारी कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों को अवसर में बदलने के उद्देश्य से श्रमिकों/ कामगारों को यथाशीघ्र रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु देश के 06 राज्यों के 116 जिलों को चिन्ह्ति किया गया है। इस अभियान के तहत बिहार के 32 जिलों को आच्छादित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमे लगभग 50 हजार करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। इस अभियान से बिहार के लाखों प्रवासी मजदूर एवं अन्य को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त हो सकेगा।
इस अभियान के तहत 25 विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को जोड़ा गया है, जिसके तहत सड़क निर्माण, आवास निर्माण, पौधारोपन, जल-जीवन मिशन, आंगनबाड़ी केन्द्र, कुँआ निर्माण, सामुदायिक शौचालय, पंचायत भवन, मुख्यमंत्री पक्की गली-नाली योजना एवं पशुसेड इत्यादि योजना सम्मिलित है। इसके तहत श्रमिकों/कामगारों को अपने-अपने हुनर एवं रूचि के अनुसार 125 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही जीविका के माध्यम से भी ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु समूह निर्माण कर आत्मनिर्भर बनाने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
अभियान के तहत गाँव को आधुनिक सुविधा से भी जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिससे कि गाँव में तेज इन्टरनेट की सुविधा हो, ताकि गाँव के बच्चे पढ़ाई करने में उसका लाभ उठा सके। इसके लिए गांवों को फाईवर केवल के जरिये जोड़ा जाएगा। इस अभियान के सफल आयोजन हेतु सभी त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रतिनिधियों/नागरिकों से जुड़ने के लिए अनुरोध किया गया।
जिला स्तर पर जिलाधिकारी, सहायक समाहर्ता, उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, जिला परिषद के अध्यक्ष एवं जिलें के सभी पदाधिकारीगण उक्त कार्यक्रम में उपस्थित थे। प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड प्रमुख एवं अन्य पदाधिकारी इस कार्यक्रम से जुड़े हुए थे। इसी प्रकार पंचायत स्तर भी पंचायत के जन प्रतिनिधि एवं अन्य इस कार्यक्रम से जुड़े हुए थे।
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