राज टाइम्स
फाइल फोटो - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
आलेख- सुनिता कुमारी ' गुंजन ' (सहायक प्रोफेसर, MJMC)
केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने अपनी दूसरी पारी के एक वर्ष पुरे कर लिए हैं। नरेन्द्र मोदी की नेतृत्व वाली इस सरकार ने 30 मई 2019 को अपनी पहली पारी से भी अधिक बहुमत के साथ पदभार ग्रहण किया था। इस पारी में सरकार के समक्ष चुनौतियां बड़ी थीं इसलिए विगत एक वर्ष में उपलब्धियाँ भी बड़ी रही हैं। ये उपलब्धियाँ राष्ट्रीय से लेकर अन्तराष्ट्रीय स्तर तक की रही हैं।
केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने अपनी दूसरी पारी के एक वर्ष पुरे कर लिए हैं। नरेन्द्र मोदी की नेतृत्व वाली इस सरकार ने 30 मई 2019 को अपनी पहली पारी से भी अधिक बहुमत के साथ पदभार ग्रहण किया था। इस पारी में सरकार के समक्ष चुनौतियां बड़ी थीं इसलिए विगत एक वर्ष में उपलब्धियाँ भी बड़ी रही हैं। ये उपलब्धियाँ राष्ट्रीय से लेकर अन्तराष्ट्रीय स्तर तक की रही हैं।
विगत एक वर्ष में
सरकार ने घरेलू स्तर पर चौमुखी विकास के लिए अनेक योजनाओं का कार्यान्वयन किया।
जिनमें देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंचाना,
25 करोड़ परिवारों तक पाइप
द्वारा पीने का शुद्ध एवं स्वच्छ जल पहुँचाना,
प्रधानमंत्री किसान योजना के
तहत प्रत्येक किसान को प्रतिवर्ष 6000 रूपये प्रदान करना, किसानों, मजदूरों, छोटे
व्यापारियों एवं स्वरोजगार करने वालों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य
से पेंशन योजनाओं की शुरुआत करना, आठ करोड़ परिवारों को सब्सिडी वाले एलपीजी
कनेक्शन प्रदान करना और डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम के माध्यम से समावेश करना शामिल
है। इस एक वर्ष में 435 योजनाओं के तहत 11 लाख करोड़ रुपये सीधे लाभुकों के बैंक
खातों में भेज दिये गये हैं जिससे 1.70 लाख करोड़ रुपये बिचौलियों एवं फर्जी
उपभोक्ताओं के पास जाने से बच गया है।
यह आलेख सहायक प्रोफेसर सुनिता कुमारी 'गुंजन’ की निजी राय है.
बीते एक वर्ष में
सरकार ने कई ऐतिहासिक और साहसिक फैसले लिए हैं। अनुच्छेद - 370 को निरस्त करना, तीन
तलाक पर रोक लगाकर मुस्लिम महिलाओं को सम्मान एवं हक दिलाना एवं
नागरिकता संशोधन कानून बनाने जैसे सरकार के फैसले से नवभारत का स्वरूप दुनिया के
सामने उभर कर आया है। सर्वोच्च न्यायालय का राम मंदिर के निर्माण से संबंधित फैसला
आने के बाद देश में उत्पन्न स्थित जिस पर पूरे विश्व की नज़र थी को नियंत्रित कर
पूरे देश में शांति एवं सौहार्द का माहौल कायम रख पाने में सफल होना सरकार की एक
महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
स्वास्थ्य एवं
स्वच्छता के क्षेत्र में आयुष्मान भारत एवं स्वच्छ भारत अभियान जैसे कार्यक्रमों
के माध्यम से करोड़ों देशवासियों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया गया तथा स्वच्छता
के प्रति जागरूक किया गया है।
रक्षा क्षेत्र में भी
विगत एक वर्ष में सरकार के फैसलों के कारण भारतीय सेना ने तरक्की की है। भारत की
तीनों सेनाओं के मध्य बेहतर कार्यकारी समन्वय के लिए चीफ आफ डिफेंस स्टाफ की व्यवस्था
का विषय जो लंबे समय से विचाराधीन था,
को बीते 15 अगस्त को हमारे माननीय
प्रधानमंत्री ने मूर्त रूप दे दिया। भारत को सुरक्षा की दृष्टि से आत्म निर्भर
बनाने के लिए अस्त्र- शस्त्र का भारत में उत्पाद शूरू किया गया एवं आर्डिनेंस
फैक्ट्री को व्यावसायिक दक्षता का स्वरुप दिया गया है साथ ही अत्याधुनिक युद्धक
विमान राफेल को भारतीय सेना सम्मिलित करना राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से सरकार
द्वारा उठाया गया एक बड़ा कदम है। इस वर्ष POK के
मामले में भारत को काफी हद तक सफलता मिली है और पाकिस्तान पर वैश्विक दबाव बढ़ा
है।
आर्थिक क्षेत्र में
भी भारत ने बीते एक वर्ष में काफी तरक्की की है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा
मोबाइल फ़ोन निर्माता बन कर उभरा है। विगत वर्ष में विदेशी कम्पनियों द्वारा प्रत्यक्ष निवेश के
लिए भारत पसंदीदा देश बन गया है। ईज आफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में भारत अपने 2014
की 142 वीं रैंकिंग को सुधार कर 2019 में 63 वीं पायदान पर लाने में भी सफल रहा
है।
विश्व के पटल पर भी विगत
एक वर्ष में भारत ने कई मुकाम को हासिल किया और नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अपना
परचम लहराया है। बीते एक वर्ष में हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी
की ख्याति विश्व के एक लोकप्रिय एवं कद्दावर नेता के रूप में बढ़ी है जो भारतीय
लोकतंत्र की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन के
चेयरमैन का पदभार भारत को प्राप्त हुआ है।
इन सब उपलब्धियों के
साथ ही पूरे विश्व के साथ - साथ भारत भी कोविड - 19 जैसे वैश्विक महामारी का शिकार
हुआ है। परन्तु इस महामारी से लड़ने का भारत का तरीका और रणनीति पूरी दुनिया से
अलग रही है जिसकी सराहना परे विश्व में हुई है। क्योंकि अपने तरीका और रणनीति के
कारण भारत इस महामारी से होने वाली क्षति को कम कर पाने में सफल हो सका है। कोविड
- 19 से प्रभावित विश्व के प्रमुख देशों ( चीन को छोड़कर ) की कुल जनसंख्या 142
करोड़ है और कोविड-19 से हुई मौतों की संख्या 3.07 लाख से अधिक है ( 28 मई 2029 तक)
जबकि अकेले भारत की कुल जनसंख्या 137 करोड़ है परन्तु यहाँ मौतों की संख्या 4,534
है बावजूद इसके कि भारत में जनसंख्या का घनत्व इन देशों की तुलना में अधिक है।
भारत में कोविड -19 से संक्रमित मरीजो के ठीक होने का दर भी विश्व के अन्य देशों
की अपेक्षा अधिक है। ये आंकडे कोविड - 19 से निपटने के लिए भारत की तैयारी एवं
सामर्थ्य पर प्रकाश डालते हैं। भारत सरकार ने इस महामारी काल में सही समय पर लॉकडाउन
की घोषणा की तथा देशवासियों के मौलिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए कई कदम उठाए । लॉकडाउन
के शुरुआती चरण में प्रधानमंत्री के द्वारा गरीब एवं कमजोर तबके के लिए 1.70 लाख
करोड़ रुपए के मुआवजे की घोषणा की गई जिससे 80 करोड़ लोगों को तीन महीने के लिये
मुफ्त राशन एवं 20 करोड़ महिला जन- धन खातों को वित्तीय लाभ प्रदान किया गया है। लॉकडाउन
के बाद के चरण में भारत को आत्म निर्भर बनाने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए
प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ रुपये की पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज का
उद्देश्य समाज के हर तबके को आर्थिक मजबूती प्रदान करते हुए भारत को आत्म निर्भर
बनाना है।
नरेन्द्र मोदी की
सरकार ने इस महामारी काल में हर मोर्चे पर भारत की जनता के साथ खड़े रहकर कोविड -19
से लोहा लिया है साथ ही विश्व के कई देशों को इस संकट से निपटने में मदद भी की है
और मास्क, दवाइयां इत्यादि भेज कर मनावता की सेवा करने के भारत के
संकल्प को निभाते हुए विश्व में भारत के महान स्वरूप को प्रस्तुत किया है। इस
दौरान भारत में मास्क एवं पीपीई कीट का उत्पादन बड़े स्तर पर किया गया है और
इन्हें विदेशों तक भेज नरेन्द्र मोदी की सरकार ने आपदा को अवसर में बदलने का कार्य
किया है। कोविड - 19 को हराने के लिए भारत सरकार एवं भारत की जनता के संकल्प को
देख कर ऐसा विश्वास होता है कि एक दिन जरूर 'हारेगा कोरोना और जीतेगा भारत' ।
लॉकडाउन के दौरान
भारत में प्रवासियों के लिए लगभग 3500 श्रमिक स्पेशल ट्रेने चलाई गई हैं और इनके
लिए कई प्रकार की सरकारी राहत प्रदान की गई है लेकिन फिर भी ये काफी नहीं है। लॉकडाउन
काल में हमारे मजदूर भाईयों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा है जो अत्यंत
दुखदाई रही है पर श्रमिकों एवं गरीबों की समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार का
प्रयास अभी जारी है। उम्मीद है आने वाले दिनों में केन्द्र की सरकार राज्यों की
सरकारों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए गरीबों एवं मजदूरों के लिए और अधिक कारगर
नीतियाँ बनाएगी जो इनकी तकलीफों को समाप्त करने में कारगर साबित होंगी जिससे भारत
को आत्म निर्भर बनाने के उद्देश्य को पूरा कर पाने का मार्ग प्रशस्त होगा और सशक्त
एवं श्रेष्ठ भारत बनाने का हर भारतीय का सपना पूर्ण होगा।
लेखिका-सुनीता कुमारी गुंजन |
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