अररिया (राज टाइम्स)। जाने-माने प्रख्यात कर्मकांडी पंडित राधेश्याम मिश्र का गुरुवार को पटना स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। उनके निधन से फारबिसगंज में लोगों को गहरा आघात पहुंचा है।
अररिया जिले के फारबिसगंज में वर्ष 1940 में जन्मे पंडित राधेश्याम मिश्र जाने-माने कर्मकांडी के साथ साथ फलित ज्योतिष के प्रकाण्ड विद्वान थे। उन्होंने फारबिसगंज में चैती दुर्गा पूजा के संस्थापक भी थे। वे इसी वर्ष मध्य विद्यालय ढोलबज्जा से प्रधानाध्यापक पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनके पुत्र मनोज मिश्रा पटना हाई कोर्ट के नोडल ऑफिसर के पद पर आसीन हैं। बताया जाता है कि कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब थी। इलाज हेतु उन्हें पटना ले जाया गया। जहाँ किडनी क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण उन्होंने पटना स्थित अपने आवास पर 16 अप्रैल 2020, गुरुवार को अपनी अंतिम सांस ली। वे अपने पीछे अपनी पत्नी एक पुत्र तथा सात पुत्रियों को छोड़ गए हैं। उनके निधन से उनके परिजनों एवं शुभचिंतकों को गहरा आघात पहुंचा है। दुख व्यक्त करने वालों में ज्योति भगत, संजय कुमार, प्रोफेसर गणेश ठाकुर, मनोज मिश्रा आदि शामिल हैं।
रिपोर्ट- रंजीत ठाकुर
अररिया जिले के फारबिसगंज में वर्ष 1940 में जन्मे पंडित राधेश्याम मिश्र जाने-माने कर्मकांडी के साथ साथ फलित ज्योतिष के प्रकाण्ड विद्वान थे। उन्होंने फारबिसगंज में चैती दुर्गा पूजा के संस्थापक भी थे। वे इसी वर्ष मध्य विद्यालय ढोलबज्जा से प्रधानाध्यापक पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनके पुत्र मनोज मिश्रा पटना हाई कोर्ट के नोडल ऑफिसर के पद पर आसीन हैं। बताया जाता है कि कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब थी। इलाज हेतु उन्हें पटना ले जाया गया। जहाँ किडनी क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण उन्होंने पटना स्थित अपने आवास पर 16 अप्रैल 2020, गुरुवार को अपनी अंतिम सांस ली। वे अपने पीछे अपनी पत्नी एक पुत्र तथा सात पुत्रियों को छोड़ गए हैं। उनके निधन से उनके परिजनों एवं शुभचिंतकों को गहरा आघात पहुंचा है। दुख व्यक्त करने वालों में ज्योति भगत, संजय कुमार, प्रोफेसर गणेश ठाकुर, मनोज मिश्रा आदि शामिल हैं।
रिपोर्ट- रंजीत ठाकुर
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