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Bihar/ सुपौल- एनडीआरएफ कैम्प से लगातार मिट्टी की बिक्री जारी, ग्रामीणों ने किया विरोध

एनडीआरएफ अधिकारी ने कहा करवाया जा रहा है तालाब निर्माण, सिंचाई विभाग के एसडीओ ने कहा तालाब निर्माण के लिए नहीं लिया एनओसी

सिमराही (सुपौल)

राघोपुर प्रखंड क्षेत्र के गणपतगंज स्थित एनडीआरएफ कैम्प से लगातार मिट्टी काटकर बिक्री जारी है। जिसे लेकर अब स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है। गुरुवार को ग्रामीणों ने उक्त मामले को लेकर जानकारी देते बताया कि गणपतगंज में राजा गणपतगंज सिंह की जमीन है, जिसमें अभी एनडीआरएफ की 9वीं बटालियन रह रही है। कहा कि ये जमीन महाराजा ने गनपतगंज निवासी कुछ लोगों को पूर्व में ही दे दिया था। जिसमें अभी एनडीआरएफ की टीम रह रही है, उसका जमाबंदी भिखनी धोबिन के नाम से चला आ रहा है, लेकिन फिलहाल उसमें सरकार द्वारा एनडीआरएफ कैम्प बना दिया गया है। जबकि इसमें बना हुआ सारा भवन सिंचाई विभाग का है। ग्रामीण रोजित साफी, सकुर साफी, जनीफ साफी, हकीम साफी, इदरीश साफी आदि ने बताया कि गत कुछ दिनों से एनडीआरएफ द्वारा अंदर से मिट्टी काटकर उसे बाहर बेचा जा रहा है। जिसका कई बार स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध भी किया, लेकिन ग्रामीणों को कैम्प के अंदर भी जाने नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि अगर तालाब खुदाई हो रही है और मिट्टी रखने की जगह नहीं है तो उसे रजिस्ट्री ऑफिस में डाल दिया जाता, जहां हर वर्ष बरसात के मौसम में काफी पानी लग जाता है। इसके अलावे भी ऐसे कई सार्वजनिक स्थल है, जहां मिट्टी भराई की जरूरत है, लेकिन यहां के कर्मी अपने फायदे के लिए मिट्टी को बेच रहे हैं।

एनडीआरएफ के एक अधिकारी साहिल ने बताया कि बोट टेस्टिंग के लिए कैम्प के अंदर तालाब का निर्माण करवाया जा रहा है। अंदर मिट्टी रखने की जगह नहीं है, इसलिए खुदाई कर रहे ठेकेदारों को ही मिट्टी देकर उसके बदले कार्य करवाया जा रहा है। बाहर किसी को मिट्टी बेचा नहीं जा रहा है। वहीं इस संबंध में सिंचाई विभाग के एसडीओ गोवर्धन गोरैन ने बताया कि एनडीआरएफ द्वारा न ही हमारे विभाग से एनओसी लिया गया है और न ही मुझे इस प्रकार के किसी कार्य की जानकारी है। उन्होंने बताया कि मैं अपने स्तर से पता करता हूं कि क्या मामला है।


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