आश नारायण मिश्रा / वीरपुर(सुपौल)।
फ़ोटो - मरीज के जगह जलावन रखने के काम आ रही है भगवानपुर का ये स्वास्थ्य उप केंद्र।
लगातार 15 वर्षों से चल रही नीतीश सरकार से आमलोगों को बेहतर स्वास्थ सुविधा मिलने की उम्मीद थी परन्तु व्यवस्था की घोर लापरवाही से भगवानपुर पंचायत के सहेवान वार्ड 8 में एनएच106 से सटे पश्चिम में लाखों की लागत से निर्मित यह स्वास्थ्य उपकेंद्र मरीज की जगह जलावन रखने के काम आ रहा है।
भगवानपुर के पूर्व मुखिया उमेश
मेहता ने बताया कि वर्ष 1994 में निर्मित इस स्वास्थ्य उपकेंद्र से आजतक यहां की जनता
को चिकित्सीय सेवा नसीब नहीं हुई है। विगत 26 वर्षों से यहां के लोग इस सुविधा
का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य उपकेंद्र को देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता
है कि व्यवस्था के डंक से कराह रही इस भवन को ही ईलाज की जरूरत है।
ग्रामीण रणजीत मेहता,महेंद्र यादब,रामदेब मंडल ने बताया कि हमलोग जिला पदाधिकारी, सिविल सर्जन से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इसे चालू कराने की मांग करके
थक गए परन्तु कोई फरियाद काम नहीं आया जबकि सड़क किनारे अवस्थित इस स्वास्थ उप
केंद्र का दीदार आते जाते हुए सभी जिला के आला अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों
को होता है फिर भी इसके हालात सुधारने को लेकर आजतक किसी की भी नजरें इनायत नहीं
हुई।
एक ओर जहां करोना संक्रमण शहरों से
निकलकर गांव की तरफ अपना पांव पसार रहा है दूसरी ओर सरकार व प्रशासन लापरवाह है
तभी तो लाखों की लागत से निर्मित यह स्वास्थ्य उपकेंद्र 26 वर्षों के बाद भी शोभा की वस्तु
बनी हुई हैं। और यहाँ के लोगों को सामान्य बीमारी में भी ईलाज पाने की लिए बीस किलोमीटर
की दूरी तय करनी पड़ती है। बसंतपुर पीएचसी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अर्जुन
चौधरी बताते है कि भवन जजर्र है साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है फिर भी लोगों
का ईलाज किया जाता हैं।
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