Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Breaking News

latest

बिहार/सुपौल- कोसी बैरेज की आयु हो चुकी है पूरी, मरम्मत के अभाव में बैरेज हुआ जर्जर


सिकंदर आलम / राघोपुर (सुपौल)(राज टाइम्स) सीमाँचल एवं  मिथलांचल  का इलाका नेपाल से आने वाली पानी से प्रत्येक वर्ष प्रभावित होता रहा है। लेकिन उत्तर बिहार के लिए अतिमहत्वपूर्ण कोसी बैरेज के मरम्मतीकरण के प्रति सरकार का रवैया उदासीन है। 

फोटो- कोसी बैरेज

बताते चलें कि कोसी बराज का निर्माण 1962 में कोलकाता के निर्माण एजेंसी जोसेफ एण्ड कम्पनी लिमिटेड के द्वारा किया गया था जिसकी आयु 50 वर्ष रखी गयी थी। कोसी बराज का उम्र 8 वर्ष पूर्व ही खत्म हो चुका है। वही पिछले 9 वर्षों से बराज का मरम्मत भी नही किया जा सका है।  आवश्यक मरम्मत के अभाव मे कोसी पुल पानी के दवाब थामने का क्षमता दिन प्रतिदिन कमजोर होता जा रहा है। इस वजह से कोसी बैरेज में खतरा बढ़ रहा है । कोसी बराज के इतिहास में अभी तक दो बार 56 गेट खोला जा चुका है । बराज  निर्माण के 6 वर्ष बाद अर्थात 1968 में पानी का बहाव 9 लाख 13 हजार क्यसेक पहुचने पर सभी गेट खोला गया था। वही एक वर्ष पहले भी पानी का बहाव 3 लाख 71 हजार पहुचने पर 56 गेट खोला गया था। किसी जमाने मे 9 लाख क्युसेक पानी के बहाव को थामने वाला कोसी बैरेज अब 3 लाख 50 हजार से उपर पानी का दवाब आने पर खतरा बढ़ जाता है। कारण यह है कि हर वर्ष नदी में नेपाल के पहाड़ से आने वाला पानी अपने साथ गाछ, वुक्ष के साथ काफी मात्रा में बालू लाती है जो बालू भरने से नदी का स्तर ऊपर उठ गया है। इस वजह पानी का कम डिस्चार्ज पर कोसी बैरेज पर खतरा मंडराने लगता है। कोसी बैरेज का निर्माण के 58 वर्ष होने के बाद भी सही समय पर मरम्मत नही होने के कारण पुल जर्जर हालत में पहुंच चुका है। मंगलवार की सुबह आठ बजे कोसी का बहाव  3 लाख 42 हजार 970 क्यूसेक मापन होने पर 48 गेट खोला गया था। कोसी समझौता के अनुसार कोसी बराज के रख रखाव ,सड़क निर्माण, बांध का मरम्मत ,बराज का मरम्मत भारत सरकार के जिम्मे है।

फोटो-  भारत नेपाल सामाजिक सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा

2016 में सांस्कृतिक मंच ने पत्र लिख कर भारत सरकार का ध्यान इस तरफ आकर्षित कराया था
भारत नेपाल सामाजिक सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा ने कोसी पुल के मरम्मत, पुल के ऊपर जर्जर सड़क को निर्माण के लिए 2016 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस तरफ ध्यान आकर्षण कराया था। वहीं समय समय पर कोसी परियोजना के अधिकारियों से भी आग्रह करते रहे है। मंच के अध्यक्ष श्री शर्मा का कहना है कि इस तरफ किसी भी प्रसाशनिक अधिकारी का ध्यान नही जा रहा है।






कोई टिप्पणी नहीं